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(अम्बागढ़ चौकी) ई-रिक्शा चलाने के बाद आमदनी में बढोत्री आर्थिक स्थिति में सुधार

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अम्बागढ़ चौकी -परिवार के भरण पोषण के लिए छोटे-छोटे काम कर आर्थिक रुप से अभावों के बीच जीवन बसर कर रहे, श्रीमति दशमत बाई निषाद को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से ई रिक्शा की सहायता मिली और आज वह अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे से कर पा रही हैं तथा बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिला पा रही हैं। अम्बागढ़ चौकी ब्लाक के चिखली निवासी श्रीमति दशमत स्वयं की ई-रिक्शा चलाने से पहले फटे पुराने कपड़ा सिलाई और दैनिक मजदूरी किया करती थी जिसमें श्रीमति दशमत बाई को सारे दिन काम करने के बाद 150-200 रुपये की आय ही होती थी। दशमत बाई को भी लगता था कि पता नहीं उसके बच्चे भी अच्छे स्कूल में पढ पाएंगे कि नहीं।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ई-रिक्सा व्यवसाय हेतु आवेदन किया । एक लाख रूपए के ऋण की अनुशंसा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत की गई। श्रीमति दशमत बाई द्वारा ई-रिक्शा प्राप्त कर स्वयं की ई-रिक्शा चलाना प्रारंभ किया। स्वयं की ई-रिक्शा चलाने के बाद उनकी आमदनी में अधिक बढोत्री हुई और आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ तथा आज उनके बच्चे भी अच्छे स्कूल में पढ रहे हैं। बातचीत के दौरान दशमत बाई ने बताया की पति ने ई-रिक्शा के बारे में जानकारी दी और ई-रिक्शा दिलाने में मदद की। आज दिन भर में रिक्शा चलाकर 400-500 की आमदनी कर लेती हूँ इससे परिवार में दुख दर्द तकलीफें धीरे-धीरे दूर होती जा रही है। वही अपने पति रविशंकर निषाद की ग्रामीण बैंक से ऋण मुक्त कराने में भी सहयोग की। दशमत बाई ने आगे बताया कि अब आर्थिक स्थिति में सुधार आया है और घर पर खाली वक्त गुजारने की जगह अब कमाऊ महिला कहलाने लगी हैं। इससे परिवार में होने वाले कलह रूक गये है और समाज में मान सम्मान भी बढ़ते जा रहा है।

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