राजनांदगांव(दावा)। सेवाभावी संस्था माँ पाताल भैरवी मंदिर के अध्यक्ष राजेश मारू और उनकी पूरी टीम द्वारा पत्रकार कमलेश सिमनकर के मार्गदर्शन में लॉक डाउन के दौरान जिले के उन गांवों में दस्तक दे रही है, जो शासन-प्रशासन के पहुंच से दूर है। इन गांवों में पहुंचकर संस्था द्वारा सूखा राशन चांवल, चना, आलू, टमाटर, केला, आचार ईत्यादि पहुंचाया जा रहा है।
संस्था का अभियान लॉक डाउन के 3 दिन से ही आरम्भ हो गया था, जो निरन्तर जारी है। बुधवार को छुईखदान ब्लॉक के ऐसे गांव तक जा पहुंचे, जहां प्रशासन नहीं पहुँच पा रहा है। क्षेत्र के ग्राम बुढ़ानभाट, देवरचा से होते हुए घनघोर जंगल के बीच कोरवा आदिवासी बैगा जनजाति के 29 परिवार जो तुमड़ाहाडाह नवागांव, चिचला बैगा में साल भर से रह रहे हैं। इनके पास शासन की योजना तो दूर कोई प्रशासन का मददगार भी आज तक नही पहुंच पाया। इनके पास न ही राशन कार्ड है और न ही स्मार्ट कार्ड, आधार कार्ड है।
किसी तरह लॉक डाउन के दौरान पसिया-पेज पीकर जीवन बिता रहे हैं। इन लोगों को किसी तरह कोरोना बीमारी का नाम तो पता चल गया, लेकिन कितने दिनों तक बन्द रहेगा, इसकी जानकारी इन्हें नहीं है। इन्हें सिर्फ इतना पता है कि कोरोना बीमारी के चलते सब बन्द है और तीन माह तक बन्द रहेगा। इन परिवारों में बच्चे, बुजुर्ग पुरुष, महिलाएं युवा सभी वर्ग के लोग हैं। जिस स्थान पर एक लोग अभी रह रहे हैं, वह घनघोर जंगल के बीच है। गांव का नामकरण भी इन्होंने अपने हिसाब से कर डाला है। मूलत: ये कवर्धा जिले के बोड़ला से एक-डेढ़ साल पहले यहां छुईखदान ब्लॉक के जंगलों में आकर बसे हैं। इनका जीवन जंगल की वनस्पति पर ही टिका हुआ है। माँ पाताल भैरवी मंदिर सेवाभावी संस्था के वाहन को देख इनके चेहरे खिल उठे और राहत सामग्री लेकर इनके खुशी का ठिकाना नही रहा। संस्था ने प्रशासन से आग्रह किया है कि जिले के उन क्षेत्रों तक महकमे के अधिकारी और कर्मचारियों को भेजें, जहां ऐसे समय में उन्हें प्रशासन की सख्त जरूरत है। शासन की योजना का लाभ लेने इनके पास राशन कार्ड तक नहीं है। ये लोग भूख से बेहाल हैं।