00 कहा-राज्य सरकार चिकित्सकों की टीम के साथ सबको सुरक्षित लाया जाए
राजनांदगांव(दावा)। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज यहाँ पत्रकार वार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ के हजारों मजदूर जो कमाने खाने गए थे, वे लाक डाउन के चलते फंसे हुए हैं। ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया है, जिसके कारण मजदूर बेरोजगार होने के कारण भूखे-प्यासे पैदल चलकर वापस लौट रहे हैं। चूंकि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी बना हुआ है, इसलिए भूपेश सरकार जिलेवार ऐसे मजदूरों की सूची तैयार कर ऐसे मजदूरों को चिकित्सा टीम के साथ सुरक्षित वापस लाने का इंतजाम करे। डॉ. रमन सिंह ने बताया कि बस्तर के सभी 7 जिलों के मजदूर इमली तोड़ने एवं मजदूरी की तलाष में तेलंगाना, महाराष्ट्र, सीमान्ध एवं उड़ीसा जाते है। लाॅकडाउन के वजह से ठेकेदारों ने काम वहां बंद कर दिया है हजारों मजदूर बेरोजगार हो गये है। भूखे प्यासे मजदूर मजबूरी में पैदल छत्तीसगढ़ की ओर आ रहे है, ये संख्या हजारों में है। अनुमान के अनुसार 50 हजार से ज्यादा मजदूर बस्तर पलायन कर सीमा प्रांतों में गए है, जो जानकारी आई है उसके अनुसार बीजापुर, दन्तेवाड़ा, सुकमा एवं बस्तर जिले से ही 30 हजार से अधिक मजदूर पलायन कर गए है। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन की सबसे पीड़ा जनक तस्वीर देखने को सामने आई है, जब तेलंगाना से चलते हुए 12 प्रवासी मजदूरों का दल तेलंगाना के पेरूर गांव से 16 अप्रैल को रवाना हुआ एवं 100 किलो मीटर यात्रा तय कर मोदकपाल ही पहुंच पाया तथा मासूम बच्ची जमलो मड़कामी की मृत्यु हो गई। 3 दिन बाद बच्ची का पोस्टमार्टम बीजापुर में हुआ और डाॅ. ने कोरोना निगेटिव घोषित कर दिया। सुकमा जिले के वेटटी हिड़मा एवं पोड़यामी भीमा की ईलाज के अभाव मौत हो गई। कुरतीपार के 20 ग्रामीण लौटे थे, इन्हे सर्दी, जुकाम, एवं बुखार का ईलाज किया गया। ये मजदूर हजारों की संख्या में सीमा से छत्तीसगढ़ में जंगल के रास्ते से प्रतिदिन प्रवेश कर रहे हैं। इन मजदूरों को ग्रामवासियों द्वारा ग्राम के बाहर पेड़ के नीचे रोके हुए है। बीजापुर जिले में 10000 हजार मजदूर निकटवर्ती प्रदेश के आये हैं। दंतेवाड़ा जिले से 2000 हजार, सुकमा जिले में भी हजारों की संख्या में मजदूर आये हुए है, जिनको क्वांरेटाइन में रखा गया है। बस्तर के 41 शिविरों में 1000 हजार मजदूरों को रखा गया है। बस्तर में ऐसे भी चिकित्सकों की कमी है। उपरोक्त कठिन परिस्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री से आग्रह है कि अन्य राज्य में फसे मजदूर जहां भी हैं, उन्हें वहीं रोकने का आग्रह किया जाये। संबंधित जिला कलेक्टर वहां के कलेक्टर से संपर्क करें। जिलेवार सूची तैयार करके उन्हें बस में लाने की व्यवस्था संपूर्ण सुरक्षा के साथ चिकित्सकों की टीम के साथ छत्तीसगढ़ लाया जाये ताकि और मौत से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या है। इसकी मानिटिरिंग की हाई पावर कमेटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाके संबंधित जिलों के विधायक, सांसद, एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से राय लेकर रोज उसकी मानिटिरिंग की जाये। प्रदेश के बाहर गये मजदूरो के खाते में कम से कम 1 हजार राषि तत्काल डाला जाये।