प्रशासन के विरोध में शासन के नुमाइंदे उतरे सडक़ पर
डोंगरगांव(दावा)। सोमवार को घोरदा रेत खदान में उपजे विवाद को लेकर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद जनपद प्रतिनिधि हरकत में आये व इस संदर्भ में एसडीएम वीरेन्द्र सिंह से उक्त रेत खदान को बंद किये जाने की मांग.
वहीं जपं अध्यक्ष टिकेश्वर साहू, उपाध्यक्ष सुयश नाहटा के नेतृत्व में एडीएम कार्यालय पहुंचे जनपद व पंचायत प्रतिनिधि मंडल की एसडीएम के साथ हुई बेनतीजा बैठक के बाद पदाधिकारियों ने प्रशासनिक रवैय्ये को लेकर धरने पर बैठ गए. वहीं प्रशासन के विरोध में शासन के नुमाईंदो के सडक़ पर उतरने की घटना को लेकर राजनैतिक हल्कों में तीखी प्रतिक्रिया दिखाई दे रही है.
ज्ञात हो कि जपं अध्यक्ष सहित सभी जपं सदस्य अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के सामने सडक़ पर बैठ गए थे. हालांकि पुलिस की पहल तथा एसडीएम के आश्वासन के बाद जनप्रतिधियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया. प्रशासन के संदिग्ध कार्यप्रणाली को लेकर जनपद प्रतिनिधियों ने आक्रोश व्यक्त किया और बताया कि घोरदा के रेत खदान में बगैर सीमांकन व चिन्हांकन के ठेकेदार के द्वारा ग्राम पंचायत में बिना कोई सूचना के भारी मशीनरी व वाहनों का उपयोग कर रेत निकासी किया जा रहा है. वहीं रायल्टी के नाम पर भारी भरकम रकम की वसूली का जा रही है. जिसकी शिकायत लेकर ग्राम पंचायत के पदाधिकारी जनपद पहुंचे थे. वहीं उक्त बिन्दुओं सहित डोंगरगांव में पदस्थ नायब तहसीलदार व उसके ड्रायवर के गतिविधियों की शिकायत एसडीएम से की गई है. उन्होंने साथ ही बताया कि जिस रेत खदान का लीज किया गया है वहां से रेत की निकासी नहीं कर मोहभट्टा से रेत निकाला जा रहा है जो अवैध है. वहीं उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने इस संदर्भ में एसडीएम से संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने के चलते इस मामले की शिकायत अब कलेक्टर से किये जाने की बात कही जा रही है.
रेत खदान के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई, जो भी अनियमितता होगी उसकी जांच कर कार्यवाही की जायेगी.
-वीरेन्द्र सिंह, एसडीएम डोंगरगांव