चिरचारी शिविर में पहुंचे सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का होगा कोरोना टेस्ट
राजनांदगांव(दावा)। लाकडाऊन के चलते महाराष्ट्र सीमा से लगे जिले के बागनदी थाना के समीपस्थ सडक़ चिरचारी शिविर में ठहराए गए नौ श्रमिक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में हडक़ंप मच गया है। अब प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि इस शिविर में ठहराए गए लोगों का जायजा लेने पहुंचे सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं पत्रकारों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के छोटे से लेकर प्रदेश स्तर के पदाधिकारी, जिसमें क्षेत्रीय विधायक व जिला पंचायत अध्यक्ष भी शामिल थी, चिरचारी राहत शिविर में मजदूरों से हालचाल जानने पहुंचे थे और उनके लिए प्रशासन द्वारा की गई भोजन सहित तमाम आवश्यक व्यवस्था का जायजा लिया था। कांग्रेस के अलावा भाजपा के कई पदाधिकारी भी अलग-अलग दिनों में चिरचारी शिविर पहुंचकर श्रमिकों से मुलाकात की थी। अब प्रशासन के लिए यह सरदर्द हो गया है कि पहले से ही यहां 400 से अधिक श्रमिक ठहराए गए थे, जिनकी सूची तैयार करना बड़ी चुनौती है। उन श्रमिकों के अलावा अब जनप्रतिनिधियों की संख्या भी सैकड़ों में हैं, जो अलग-अलग दिनों में राहत शिविर में शामिल हुए थे। प्रशासन के इस निर्णय से कि सभी का कोरोना टेस्ट किया जाएगा, सोशल मीडिया में खलबली मची हुई है। अब जिला प्रशासन ने उन जनप्रतिनिधियों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है, जो बड़ी संख्या में चिरचारी शिविर में शामिल हुए थे। माना जा रहा है कि दो-तीन दिनों के भीतर सभी जनप्रतिनिधियों का टेस्ट कराया जाएगा। मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने वाले जनप्रतिनिधियों की भी सूची तैयार की जा रही है, ताकि उनका भी कोरोना टेस्ट कराया जा सके।
प्रशासनिक अफसर भी पहुंचे थे शिविर में
सडक़ चिरचारी में राहत शिविर की देखरेख के लिए स्थानीय स्तर पर कई प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। उनका भी कोरोना टेस्ट कराए जाने की तैयारी है। पुलिस कर्मचारी और अफसर भी ड्यूटी पर थे, वन विभाग के कुछ कर्मचारी भी ड्यूटी में शामिल थे। अब इन सबका कोरोना टेस्ट होगा। हालांकि पुलिस ने पहले से ही ड्यूटी कर रहे अपने कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय लिया है।
मीडिया कर्मी भी गए थे चिरचारी
चिरचारी के राहत शिविर में बड़ी संख्या में राजनांदगांव एवं आसपास क्षेत्र के मीडिया कर्मी भी बड़ी संख्या में चिरचारी शिविर पहुंचे थे और वहां का निरीक्षण कर रिपोर्टिंग तैयार की थी। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी बड़ी संख्या में रिपोर्टर, कैमरामैन सहित कईयों ने लाइव रिपोर्टिंग की थी, वे भी कोरोना वायरस के जांच के दायरे में आ सकते हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक झारखंड के गढ़वा जिले के 58 वर्षीय वृद्ध महाराष्ट्र में मजदूरी करता है। कुछ समय पहले उसे राजनांदगांव की सीमा पर पकड़ा गया और चिरचारी डिपो में बनाए गए राहत शिविर में रखा गया था। इसके बाद उसे सूरजपुर के प्रतापपुर में बनाए गए आइसोलेशन कैंप में भेजा गया था। इस कैंप में 106 अन्य मजदूरों को भी रखा गया है। इन मजदूरों के सैंपल जांच के लिए रायपुर भेजे गए हैं। इनमें से वृद्ध की मंगलवार को आई रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई है। उसे अंबिकापुर में बनाए गए कोरोना अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन मजदूरों के क्वारेंटाइन में 14 दिन पूरे हो गए थे और उन्हें घर भेजने की तैयारी थी। उससे पहले ही यह रिपोर्ट आ गई। फिलहाल सभी मजदूर अब निगरानी में हैं।