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शराबबंदी की कसम खाने करने वाली सरकार छत्तीसगढ़ में शराब की गंगा बहा रही-डॉ. रमन सिंह

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पुलिस और आबकारी की उपस्थिति में सरकार द्वारा अनुशासन तोडऩे साजिश
राजनांदगांव(दावा)। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व नांदगांव के विधायक डॉ. रमन सिंह ने आज यहां कहा कि पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण के खतरा से जूझ रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने और लोगों को भीड़ से रोकने व बचाने के लिए लाकडाऊन किया गया है। इसके बावजूद प्रदेश की भूपेश सरकार द्वारा चुनाव पूर्व किए गए पूर्ण शराबबंदी के वादे को भूलकर वर्तमान संकट की घड़ी में शराब दुकानें चला रही है। शराब दुकानों में प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस जवानों और आबकारी विभाग की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंस सहित तमाम दिशा-निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन और अनुशासन तोडऩे का काम कर रही है। वहीं प्रवासी श्रमिकों के खाते में फुटी कौड़ी भी नहीं डाली। जबकि राज्य सरकार के पास डीएमएफ फंड का 700 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य पर खर्च की सहमति दी है, सीएम फंड में 500 करोड़, श्रमिकों के कल्याण हेतु 400 करोड़ रु. है। फिर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री आये दिन प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पैसों की मांग कर रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मात्र राज्य के सभी जिलों में 25-25 लाख दिये है। इसके अलावा एक रुपया भी राज्य सरकार का खर्च नहीं हुआ है। स्थानीय जिला भाजपा कार्यालय में आहूत प्रेस वार्ता में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के लिए हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाई थी। आज वही भूपेश बघेल की सरकार लाकडाउन की स्थिति में भी पूरे प्रदेश भर में शराब की गंगा बहा रही है। पुलिस व आबकारी की उपस्थिति में अनुशासन तोडऩे की साजिश कर रही है, कांग्रेस के लोग अवैध शराब बिक्री मामले में लिप्त है ताकि प्रदेश में कोरोना वायरस लोग ज्यादा से ज्यादा संक्रमित हों। जिले में धारा 144 लगे होने के बाद भी शराब खरीदने के लिए बेतहाशा भीड़ उमड़ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भूपेश सरकार के इस कदम से प्रदेश की महिलाओं में जबरदस्त आक्रोश है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब दुकानों को खोलने की हड़बड़ी में सरकार कोरोना संक्रमण के नाजुक दौर को ही भूल गई और आनन-फानन में शराब की दुकानें खुलवा कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ राजनांदगांव की जनता ने पूरी ईमानदारी के साथ 40 दिनों तक घर पर रहकर शांति कायम की और कोरोना महामारी में बाहर निकलकर वंचित गरीबों की मदद करने में अपनी प्रमुख भूमिका भी निभाई।

श्रमिकों के खाते में नहीं दी राशि

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्यों के चेक पोस्ट पर विधिवत अनुमति लेने वाले चिकित्सीय प्रमाण पत्र के साथ आए मरीजों को बॉर्डर पर 2-3 दिन रोका जा रहा है और बिना अनुमति प्राप्त सैकड़ों मजदूरों को ट्रकों पर बैठाकर रवाना किया जा रहा है। ऐसे संक्रमित राज्यों से आने वाले सैकड़ों लोगों के गांव में पहुंचने पर संक्रमण के गंभीर परिणाम जनता को भुगतने होंगे। श्री सिंह ने राज्य सरकार को दी गई राय कि प्रदेश के बाहर रह रहे मजदूरों के खाते में सहायता के लिए 1000 रुपये डाले जाए पर आज दिनांक तक उस पर अमल तो दूर, आज तक लिस्ट तक नहीं बनने पर सवाल उठाए, जबकि श्रम विभाग में पर्याप्त 400 करोड़ रु. का फंड भी उपलब्ध है। पत्रकार वार्ता में खूबचंद पारख, लीलाराम भोजवानी, जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव, संतोष अग्रवाल, सचिन बघेल, प्रदीप गांधी, शोभा सोनी, राजेश श्यामकर, तरुण लहरवानी, अतुल रायजादा, अमर ललवानी आदि उपस्थित थे।

राज्य सरकार हर मामले में विफल

उन्होंने जनता का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जनता ने तो सोशल डिस्टेंसिंग का फर्ज निभाया, परंतु सरकार ने 40 दिन बाद शराब दुकान खोलकर जो अव्यवस्था और बदहाल स्थिति निर्मित की है और धारा 144 की धज्जियां उड़ाई गई, जिसके चलते जनता की 40 दिनों की तपस्या एक दिन में ही भंग हो गई। भूपेश बघेल की सरकार ने जो उदाहरण पेश किया है, उससे ऐसा लगता है कि उसके लिए राजस्व से बढक़र कुछ भी नहीं है। डॉ रमन ने कहा कि एक ओर जहां कोरोना वायरस के चलते पूरा देश सहमा हुआ है और इसकी चपेट में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे समय में शराब दुकानों के खुलने से कई लोग संक्रमित हो सकते हैं और हजारों की जान जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर मामले में फेल होते नजर आ रही है। श्री सिंह ने कहा कि जिस प्रदेश में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री में आपसी तालमेल न हो उसकी नीति भगवान भरोसे ही चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की अजीबोगरीब नीति अचंभित करने वाली है।

मोदी जी दे रहे हैं जनता को राहत

श्री सिंह ने कहा कि 15 वर्षों से भाजपा ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य संसाधनों की जो उपलब्धता दी है, जिसमें एम्स के साथ-साथ 7 मेडिकल कॉलेज बनाए गए, जिसके कारण संस्थागत संसाधनों की कमी नहीं है, परंतु सरकार की नीति एवं लैब टेक्नीशियन एवं डॉक्टरों की टीम को योजनाबद्ध ढंग से कोरोना संक्रमण में उन्हें सही जगह नियोजित करने की भूमिका का स्पष्ट अभाव दिखता है। डॉ. सिंह ने कहा कि चेक पोस्ट पर न तो कोई मजदूरों की जांच की जा रही है और न ही क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न पर केंद्र सरकार की उपलब्धि बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले गरीब कल्याण योजना में एक लाख 70 हजार करोड़ का फंड जारी किया। आठ करोड़ 40 लाख किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये डाला गया है। उज्जवला गैस कनेक्शनधारियों के लिए 3 माह तक नि:शुल्क गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। इसके अलावा 5 किलो गेहूं एवं एक किलो दाल का वितरण भी किया जा रहा है।

कलेक्टर को पीपीई किट, एम 95 मास्क एवं हैंड ग्लप्स सौपा

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संस्कारधानी नगरी हो या छत्तीसगढ़ की जनता, इस महामारी में धन की कमी नहीं होने वाली है, परंतु सरकार की नीति और कोरोना से लडऩे का जज्बा स्पष्ट नहीं दिख रहा है, जिसके कारण आने वाला समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है। श्री सिंह ने कहा कि उनके द्वारा 200 पीपीई किट तथा 200 एम-95 मास्क तथा हैंड ग्लब्स आज जिला भाजपा द्वारा शासन को सौंपा जा रहा है। संकट की इस घड़ी में भाजपा भी शासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है।

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