राजनांदगांव (दावा)। लॉकडाउन के चलते 45 दिनों तक शराब की दुकानें बंद थी। इस दौरान मदिरा प्रेमी कई गुना अधिक कीमत मेंं कोचियों से शराब खरीदकर पीने मजबूर थे। सोमवार से फिर शराब की दुकाने खुली दुकानें फिर से बंद होने की आशंका के मद्देनजर कोचिया थोक में शराब खरीदकर डंप कर रहे हैं। कोचियों को सरकारी शराब दुकानों से बड़ी संख्या में शराब मिल रहा है। कोचियों को शराब दुकानों से बोरी में भर-भर कर शराब ले जाते आसानी से देखा जा सकता है।
आबकारी विभाग व कर्मचारियों की मिलीभगत
कोचियों को बड़ी संख्या में शराब आबकारी विभाग और दुकान के कर्मचारियों की मिलीभगत से मिल रही है। एक ओर जहां आबकारी विभाग शराब पीने वालों पर कार्रवाई करते नजर आते थे, लेकिन सरकारी दुकानों से थोक के भाव में शराब ले जाने वाले कोचियों पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। इससे आबकारी विभाग के कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
एक आदमी को चार बोतल देने का नियम
लॉकडाउन के बाद फिर से खुले शराब दुकान में एक आदमी को 4 बोतल ही शराब देने का नियम है, लेकिन दुकान के कर्मचारी कोचियों को 2 से 3 पेटी शराब बेंच रहे हैं। बावजूद इसके आबकारी विभाग द्वारा इस पर लगाम लगाने गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। कोचियों को बड़ी संख्या में शराब बेचने का मामला जिले के सभी दुकानों से सामने आ रहा है।
कीमत भी फिक्स नहीं, ओवर रेट में बिक रही शराब
वहीं दुकानों में शराब की कीमत भी फिक्स नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार अलग-अलग दुकानों में वैरायटी वाले शराब की कीमत अलग अलग है। कर्मचारी ओवर रेट में शराब बेच कर मुनाफा कमा रहे हैं। शुुरुआत के दिन देशी व अंग्रेजी शराब के पौव्वा में 20-20 रुपए और बोतल में 80 रुपए की बढ़ोतरी की जानकारी सामने आई थी, लेकिन दुकान के कर्मचारी अलग-अलग ग्राहकों से वैरायटी के हिसाब से अधिक कीमत वसूल कर रहे हैं।
अधिकरी ने नहीं उठाया फोन
इस संबंध में जानकारी लेने आबकारी अधिकारी नीतू नोतानी ठाकुर के मोबाइल पर तीन से चार बार फोन करने पर भी अधिकारी ने फोन रिसिव करना मुनासिब नहीं समझा।