सोमनी(दावा)। गांव में अन्य राज्यों से आये हुए लोगों के लिए बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में ताला जड़ा हुआ है। जनप्रतिनिधियों के भेदभावपूर्ण रवैय्ये के चलते बाहर से आए लोगों को इस सेंटर में रखना मुश्किल हो गया है। नतीजतना लोग अपनी सुविधा अनुसार व्यवस्था कर रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार हाल ही में नेपाल सिंह जब महाराष्ट्र से काम कर लौटे, तब गांव में कुछ लोगों के द्वारा ऐसा माहौल बनाया गया, जैसे वह कोई बहुत बड़ा कांड कर गांव में आया हो। उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए 15 दिनों तक बिरेझर बाड़ी में पूरे नियम का पालन करते हुए होम कोरन्टीन पर थे। आज गांव में बहुत से बाहर राज्यों से आये हुए लोगों के साथ ढिलाई बरती जा रही है, जो गांव के लिए कोरोना काल में घातक सिद्ध होगा। देखने वाली बात होगी कि गांव में ऐसे बन्द पड़े क्वारेंटाइन सेंटर और कोरोना की रोकथाम के लिए कितना खर्च बताकर बिल भुनाया जाता है?