राजनांदगांव(दावा)। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसान न्याय योजना के संबंध में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने गंगाजल लेकर वादा कि था कि किसानों को बोनस की राशि अप्रैल माह में दे देंगे, लेकिन आज जो योजना लेकर आये हैं और जो राशि उनको देना था, उसका केवल 25 प्रतिशत ही राशि दे रहे हैं। बेहतर ये होता ये राशि एकमुश्त किसानों के खाते में जाती, लेकिन 4-5 महिने ऐसे ही निकल जायेंगे। यह समय खेती किसानी का आ गया है यदि यह राशि एकमुश्त दी जाती तो छ.ग. के किसान धन्यवाद देते और भाजपा को यह तकलीफ नहीं होती।
उन्होंने कहा कि भाजपा की यहीं मांग है कि किसानों की अंतर की राशि एकमुश्त दी जाये, जिससे वे अपना कृषि से संबंधित सभी कार्य आसानी से कर सकें। केन्द्र सरकार ने पूरे देशभर में किसानों के लिए कार्ययोजना बनाई और इसका क्रियान्वयन भी किया। केन्द्र ने 1 लाख 76 हजार करोड़ का पैकेज भी दिया। गरीबों के लिए मजदूरों के लिए इससे बड़ा पैकेज क्या हो सकता है।
मनरेगा से संबंधित सवालों पर उन्होंने कहा कि 40 हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि मनरेगा के लिए केन्द्र सरकार ने जारी किया। इतिहास में इतनी बड़ी राशि कभी मनरेगा के लिए नहीं किया गया था। यह राशि इसलिए भी किया गया कि कोरोना के संदर्भ में ना केवल गर्मी में बल्कि वर्षा ऋतु में भी इस उपयोग किया जा सके। इतना बड़ा काम होने के बाद भी यदि छ.ग. में व्यवस्थित रूप से काम करने में मजदूर असफल हो रहे हैं तो ये छ.ग.सरकार की असफलता है।
छ.ग. के क्वारंटाईन सेंटर के बारे में पूछे गए सवालों के बारे में कहा कि यह दुर्भाग्य है कि क्वारंटाईन सेंटर में रूके हुए लोग आत्महत्या कर रहे हैं, यह अव्यवस्था का ही परिणाम है कि बड़ी संख्या में लोग पॉजीटिव मिल रहे हैं। खाने पीने की, शौचालय की व्यवस्था के अभाव के कारण क्वारंटाईन सेंटर का बुरा हाल है। पूरे प्रदेश में क्वारंटाईन सेंटर की अव्यवस्था की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से मिल रही है। बेमेतरा के साजा एवं जांजगीर जिले के मुलमुला क्वारंटाईन सेंटर में 2 मौतें हो चुकी है। दो स्थानों पर सांप के काटने से भी क्वारंटाईन सेंटर में मृत्यु हो चुकी है और सरकार मौन है।