शराब पीने के लिए खुद को आबकारी इंस्पेक्टर बताने के इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।
रायपुर। आबकारी इंस्पेक्टर बनकर विदेशी मदिरा दुकान में जबरन शराब पीने और उगाही करने का प्रयास करते हुए दो लोग रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए हैं। ये दोनों पहली और चौथी बटालियन के आरक्षक बताए गए हैं। माना पुलिस ने दोनों आरक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया है। शराब पीने के लिए खुद को आबकारी इंस्पेक्टर बताने के इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर इस बात का खुलासा हुआ कि ये दोनों वर्दीधारी आरक्षकों का नाम राकेश शर्मा और सत्येंन्द्र राठौर है। ये दोनों आरक्षक बटालियन के जवान हैं। शराब दुकान के सुपरवाइजर की रिपोर्ट पर पुलिस ने दोनों के विरुद्ध भादवि की धारा 170 और 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
माना विदेशी मदिरा दुकान में नाटकीय घटना
माना विदेशी मदिरा दुकान के सुपरवाइजर भीषम नारंग द्वारा माना थाना में दर्ज कराई गई लिखित रिपोर्ट के अनुसार 30 मई की शाम 4 बजे विदेशी मदिरा दुकान माना में दो अज्ञात लोग अंदर घुसकर कर्मचारियों के साथ गाली गलौच करने लगे और अपने आपको आबकारी इस्पेक्टर अजय पांडेय बताते हुए शराब की मांग की। इतना ही नहीं दोनों आरोपियों ने गाली गलौच करते हुए पैसा की भी मांग कर रहे थे। रुपए दे पाने में असमर्थता जाहिर करने पर सेल्समैन से चखना मंगाया और शराब दुकान में ही बोतल खोलकर शराब पीने लगे।
ऐसे खुला इनका राज
माना टीआई दुर्गेश रावटे ने बताया कि शनिवार शाम चार बजे की घटना है। माना स्थित विदेशी शराब दुकान में पहुंचकर पहली और चौथी बटालियन के जवान राजेश शर्मा और सतेंद्र राठौर ने खुद को आबकारी इंस्पेक्टर अजय पांडेय बताया। उसके नाम पर वहां चखना मंगाकर शराब पीने लगे। शराब दुकान में मौजूद कर्मचारियों ने अजय पांडेय का नाम सुना था, उन्हें कभी नहीं देखा। इसलिए डरकर दोनों को उन्होंने शराब दे दी।
कुछ देर बाद शराब दुकान का सुपरवाइजर भीषम वहां पहुंचा। सुपरवाईजर भीषम नारंग आबकारी इंस्पेक्टर अजय पांडेय को जानता और पहचानता है। उसने दोनों आरोपी आरक्षकों को ऐसा करने से मना किया, जिससे नाराज होकर दोनों आरक्षकों ने उसके साथ गाली गलौज की। इसके बाद सुपरवाइजर की शिकायत पर अपराध दर्ज कर दोनों आरोपी आरक्षकों को हिरासत में ले लिया गया है।
यह है धारा 170 में प्रावधान
इन आरोपित आरक्षकों के खिलाफ गालीगलौज करने के लिए 294 और लोक सेवक का प्रतिरुपण करने के आरोप में धारा 170 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। लोक सेवक का प्रतिरुपण करने पर इस धारा के तहत दो वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड अथवा दोनों का प्रावधान है। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है। यह अपराध समझौता करने योग्य भी नहीं है। इससे इन आरक्षकों की परेशानी बढ़ सकती है।