जंगलेशर का मामला, खनिज विभाग के कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
राजनांदगांव(दावा)। शहर से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जंगलेशर के रेत खदान में खनिज अनिनियम की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। ठेकेदार व रेत तस्करों द्वारा रेत निकासी के बीद बिना परमिशन के कई जगहों पर रेत को डंप कर रखा गया है। बताया जा रहा है कि तस्कर बड़ी मात्रा में रेत का स्टाक कर बारिश के दिनों में उंची कीमत पर बेचने के फिराक में है। इस मामले को लेकर खनिज विभाग द्वारा बिना परमिशन के रेत डंप करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत राजनांदगांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत जंगलेश्वर में रेत खदान से 2 घाटों से रेत निकाली जा रही है। पहले घाट से ट्रैक्टर में मजदूरों द्वारा हैंड लोडिंग से और दूसरे घाट से जेसीबी मशीन से हाईवा पर लोड करके रेत की निकासी की जा रही है। बताया जा रहा है कि 290 मीटर रेत निकाली जानी है, लेकिन शासन के दिशा निर्देश अनुसार मात्र 90 मीटर ही रेत निकाली जा रही है।
रेत स्टॉक के लिए अनुमति जरुरी
ग्राम पंचायत जंगलेशर में नदी से रेत निकाली जा रही है जिसका भंडारण गांव के खाली जगहों पर किया जा रहा है। रेत भंडारण करने वाले लोग खनिज विभाग से इसकी अनुमति भी नहीं लिए हैं। जबकि रेत भंडारण करने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। बताया जा रहा है कि रेत का टेंडर होने के बाद ठेकेदार जमकर मनमानी कर रहा है। इसकी वजह से विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई है। बावजूद इसके खनिज विभाग को यहां पर झांकने की फुर्सत नहीं है। खनिज विभाग की अनदेखी के वजह से तस्कर बड़ी मात्रा में कई जगहों पर रेत डंप कर रख रहे हैं।
ठेकेदार ने जनपद उपाध्यक्ष को दी थी जान से मारने की धमकी
यहां पर रेत निकासी को लेकर शुुरु से विवाद की स्थिति बनी हुई है। बीते दिनों ठेकेदार द्वारा राजनांदगांव जनपद उपाध्यक्ष रोहित चंद्राकर को जान से मारने की धमकी दी गई थी। मामले की शिकायत पुलिस चौकी सुरगी में हुई थी। इस दौरान जंगलेशर गांव के सैकड़ों ग्रामीण रेत निकासी का विरोध कर रहे थे, लेकिन अब गांव में सुचारू रूप से आपसी सामंजस्य बनाकर रेत की निकासी की जा रही है।
भारी वाहनों से सडक़ हो रही जर्जर
भारी वाहन हाईवा से रोजाना रेत निकालने से गांव की सडक़ें बुरी तरह से जर्जर होती जा रही है। सडक़ों मेें जगह-जगह पर दरारें हो गई है और बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। सडक़ खराब होने से ग्रामीणों को बारिश के दिनों में आवाजाही करने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।