कोरोना के प्रथम श्रेणी टेस्ट में होगी आसानी, दो प्रकार के लैब शुरु करने की तैयारी
राजनांदगांव (दावा)। कोरोना जांच के लिए सेंपल को रायपुर भेजने की जरुरत नहीं पड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के पुराना अस्पताल स्थित सीएमएचओ दफ्तर में जांच के लिए लैब तैयार किया जा रहा है। लैब में जरुरत की मशीने व अन्य उपकरण लगाने का काम अंतिम चरण में है। तीन से चार दिन में लैब से कोरोना की जांच शुरु हो जाएगी।
सीएमएचओ डॉ. ंिमथलेश चौधरी ने बताया कि पुराना अस्पताल परिसर में कोरोना जांच के लिए लैब तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां पर बड़े व छोटे लैब की सुविधा होगी। पहले चरण में छोटे लैब शुरु की जाएगी। इसका काम अंतिम चरण में है। वहीं बड़े लैब को शुरु करने में 10 से 12 दिन का समय लग सकता है।
डॉ. चौधरी ने बताया कि इस लैब के अस्तित्व में आने के बाद कोरोना संक्रमण के प्रथम श्रेणी जांच, जिसे मेडिकल भाषा में ट्रू ऑर नॉट टेस्ट कहा जाता है। इसमें आसानी हो जाएगी। इस टेस्ट से यह पुष्टि हो जाती है कि जिस व्यक्ति का सैंपल लिया गया है उसमें कोरोना संक्रमण है या नहीं। अभी तक ये जांच काफी कम ही की जाती रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सीधे सैंपल को एम्स लैब भेज रही है।
माइक्रोबायोलॉजी व लैब टेक्नीशियन को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
इस लैब में दो शिफ्ट में सैंपलों की जांच की जाएगी। इसके लिए माइक्रोबायोलॉजी व लैब टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। राजनांदगांव जिले के लिए यह लैब काफी कारगर साबित होने वाला है। क्योंकि इस लैब में ही ज्यादातर सैंपल के जांच हो जाएंगे। जिन सैंपल में कोरोना की पुष्टि होगी, सिर्फ उन्हीं सैंपल को द्वितीय व आखिरी श्रेणी जांच के लिए एम्स भेजा जाएगा। गौरतलब है कि शहर व जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में थोक में सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। इस गंभीर हालात में इस लैब की खासी जरुरत थी। डॉ. चौधरी ने बताया कि लैब का काम अंतिम चरण में इस लैब के बन जाने सेे कोरोना जांच में काफी सहूलियत मिलेगी।
सरकारी खर्च भी होगा कम
जानकारों की माने तो एम्स में किए जाने वाले अंतिम श्रेणी के जांच में करीब छह हजार रुपए का खर्च आता है। यह खर्च लैब में प्रयुक्त होने वाली सामाग्रियों पर किया जाता है। इस खर्चें की पूर्ति सरकारी फंड से की जा रही है। राजनांदगांव लैब में प्रथम श्रेणी का जांच हो जाने पर सैंपलों की संख्या कम हो जाएगी। अंतिम श्रेणी की जांच के लिए काफी कम सैंपल ही एम्स को दिए जाएंगे। इससे खर्च में कटौती निश्चित है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कन्टेनमेंट जोन का सर्वे रिपोर्ट जारी
राजनांदगांव (दावा)। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा कन्टेनमेंट जोन का सर्वे क्रमांक 1 एवं 2 की रिपोर्ट 3 जुलाई की स्थिति में जारी की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि कन्टेनमेंट जोन क्रमांक 1 के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 5 हजार 693 घरों का सर्वे किया गया। यहां 27 हजार 591 सदस्यों की एन्ट्री की गई। इसमें 15 सर्दी से, 22 बुखार से, 63 खांसी से, 15 सांस लेने में तकलीफ से, 639 उच्च रक्त चाप से, 510 मधुमेह से तथा 38 हृदय रोग से पीडि़त मरीज मिले। इसी प्रकार कन्टेनमेंट जोन क्रमांक 2 के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 946 घरों का सर्वे किया गया। यहां 4 हजार 556 सदस्यों की एन्ट्री की गई। इसमें 3 बुखार से, 7 खांसी से, 1 सांस लेने में तकलीफ से, 93 उच्च रक्त चाप से, 80 मधुमेह से तथा 31 हृदय रोग से पीडि़त मरीज मिले।