नई दिल्ली कानपुर गोलीकांड का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। एनकाउंटर के सातवें दिन विकास को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया, बताया जा रहा है कि उसने खुद ही स्थानीय मीडिया और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी विकास पर कोई असर नहीं दिखा और मीडिया के सामने चिल्लाने लगा, ‘…मैं विकास दुबे हूं…कानपुर वाला।
आज सुबह ही विकास दुबे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा और सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर विकास दुबे ने मंदिर के सामने अपना नाम चिल्लाया। मौके पर स्थानीय मीडिया को भी बुला लिया गया था। बताया ये भी जा रहा है कि उसने मंदिर के बाहर खड़े होकर अपना नाम चिल्लाया, फिर लोगों ने पुलिस को सूचित किया। स्थानीय मीडिया के साथ ही स्थानीय पुलिस भी महाकालेश्वर मंदिर के सामने पहुंची और विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने सरेंडर करने की सूचना स्थानीय मीडिया और पुलिस को दी थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।
जब पुलिस विकास दुबे को पकडक़र महाकाल थाने में ले जा रही थी, तब विकास दुबे लगातार मीडिया से बात कर रहा था। इसी दौरान वो चिल्लाया, …मैं विकास दुबे हूं…कानपुर वाला।
कैसे उज्जैन पहुंचा विकास दुबे?
विकास दुबे कानपुर की घटना के बाद भाग गया था, जिसके बाद हरियाणा के फरीदाबाद में उसकी झलक दिखी थी। फरीदाबाद के एक होटल के सीसीटीवी कैमरे में विकास दुबे को देखा गया था, लेकिन वो वहां से फरार हो गया। छापे में उसके गुर्गे गिरफ्तार कर लिए गए थे।
विकास दुबे लगातार छुपता हुआ भाग रहा था, पहले उसके नोएडा और फिर राजस्थान जाने की बात की जा रही थी। ऐसे में पुलिस ने एनसीआर में लगातार छापेमारी की थी। लेकिन विकास दुबे वहां पर भी नहीं मिला। अब सात दिन बाद उसके उज्जैन में मिलने की खबर आई। फरीदाबाद से उज्जैन कैसे पहुंच गया विकास दुबे, कौन कर रहा था मदद?
सूत्रों की मानें तो फरीदाबाद से मध्य प्रदेश तक वो आसानी से एक गाड़ी में पहुंचा, जो पूरी तरह सेफ थी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इतनी बंदिशों के बाद भी विकास दुबे आखिर कैसे इतना लंबा सफर कर पाया।