नगर निगम की अनदेखी से शहरवासी हो सकते हैं, डेंगू, मलेरिया व पीलिया के शिकार
राजनांदगांव (दावा)। शहर के हर गली मोहल्लों में जगह-जगह जल जमाव की समस्या है। वहीं नुक्कड़ों में गंदगी पसरी हुई है। साफ-सफाई की बेरुखी और दवाई का छिडक़ाव नहीं होने के चलते शहर में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ता जा रहा है। अंदरूनी इलाकों में तो हालत और भी बदतर है। कई जगह पर नालियों की लंबे समय से सफाई नहीं होने से गंदगी का आलम है। गंदगी के चलते बड़ी मात्रा में मच्छर पनप रहे हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कत निचली बस्तियों में है। इन जगहों पर बारिश के बाद पानी निकासी नहीं होती। बारिश का पानी जगह-जगह जाम रहता है। वहीं शहर की अधिकांश सडक़ों की हालत बहुत खराब है। सडक़ों में गड्ढ़े हो गए हैं, जिसमें जल भराव होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। ऐसे में शहर में पसर रही गंदगी की सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो लोगों में बीमारी फैलने का खतरा है। ऐसे हालात में नगर निगम न ही मच्छरों के रोकथाम के लिए कोई उपाय कर रहा है और न ही जागरुकता के लिए कोई अभियान चला रहा है।
यहां पनप रही बीमारियां
शहर के सृष्टि कॉलोनी, बसंतपुर, राजीव नगर, इंदिरा नगर, ममता नगर, बख्तावर चाल, नंदई बस्ती, चिखली, शांति नगर, लखोली सहित कुछ जगहों का जायजा लिया। इन बस्तियों में कई जगहों पर सफाई के अभाव में गंदगी पसरी हुई है। इसके अलावा नालियां जाम जाम है। कई जगहों में नालियां खुली होने और सफाई के अभाव में दुर्गंध से क्षेत्रवासी परेशान हैं।
मच्छरों के रोकथाम का उपाय नहीं
नगर निगम शहर में बढ़ रहे मच्छरों के प्रकोप को रोकने कोई उपाय नहीं कर रहा है। निगम सिर्फ एक फागिंग मशीन से मच्छर मारने का उपाय कर रही। निगम प्रशासन ने शहर में मच्छर मारने के लिए लाखों रुपए खर्च कर तीन फागिंग मशीन की खरीदी की है, लेकिन एक ही मशीन चालू अवस्था में है। निगम ने सन 2002 में 50 लीटर क्षमता वाले मशीन की खरीदी 8 लाख रुपए में की थी। यह मशीन पांच साल से खराब पड़ी हुई है। वहीं 10 लीटर क्षमता वाले मशीन की खरीदी 3 लाख में किया गया था। दोनों मशीन स्टोर रुम में कबड़ा होते पड़ा हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग बिना एक्सपर्ट के
नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग बिना एक्सपर्ट के संचालित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग में नियमत: स्वास्थ्य अधिकारी का दायित्व एमबीबीएस डॉक्टर को दिया जाता है, लेकिन विडंबना है कि 1 लाख 64 हजार जनसंख्या वाली निगम क्षेत्र में कई सालों से लायक अधिकारी नहीं है। निगम में स्वास्थ्य अधिकारी की जिम्मेदारी एक सेनेटरी इंस्पेक्टर को दी गई है। अनुभवहीन होने की वजह से अधिकारी मूल काम नहीं कर पा रहा है।
ऐसे करें बचाव
तेजबुखार, कमजोरी, थकान लगने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं, शाम को घर के दरवाजे खिडक़ी खुली न छोड़ें, घर के आसपास गंदे बर्तन आदि में पानी जमा होने न दें, सफाई पर विशेष ध्यान दें।
सफाई पर विशेष ध्यान दें
डॉ मिथलेश चौधरी, सीएचएमओ ने कहा कि कीचड़ और गंदा पानी के जमाव से बड़ी संख्या में मच्छर पनपते हैं। इससे डेंगू और मलेरिया फैलने का खतरा बढ़ सकता है। बचाव के लिए लोगों को अपने आसपास सफाई रखना चाहिए। तेज बुखार, कमजोरी, थकान लगने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं, शाम को घर के दरवाजे खिडक़ी खुली न छोड़ें, घर के आसपास गंदे बर्तन आदि में पानी जमा होने न दें, सफाई पर विशेष ध्यान दें।
निर्देशित किया गया है
नगर निगम आयुक्त चन्द्रकांत कौशिक ने कहा कि शहर में लगातार साफ-सफाई का काम जारी है। रविवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर सफाई व दवाई छिडक़ाव के काम में तेजी लाने का निर्देश जारी किया गया है। लापरवाही सामने आने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।