रक्षाबंधन का त्योहार हो या अन्य कोई मौका माथे पर तिलक लगाने की परंपरा हमारे यहां बरसों से है। आप बचपन से भाई को राखी से पहले तिलक लगाती आई हैं लेकिन क्या आपको पता है कि यह तिलक क्यों लगाया जाता है। क्या है इसका शुभ महत्व।। आइए जानते हैं….
रक्षा बंधन 2020 पर
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बरसों पुरानी ये परंपरा आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद हैं –
1. आमतौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक किया जाता है। कहा जाता है कि जो लोग तिलक लगा हुआ दिखाना नहीं चाहतें, तो वे ललाट पर जल से तिलक भी करके इसके फायदे पा सकते हैं।
2.माथे पर तिलक लगाने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है और इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में वृद्धि होती है।
3.माना जाता है कि ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तिष्क शांति रहता है और सुकून का अनुभव करता है। साथ ही कई मानसिक बीमारियां भी इससे ठीक हो सकती है।
4.माथे पर तिलक लगाने से दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर हो हैने में मदद मिलती है। साथ ही सिरदर्द की समस्या में कमी आती है।
5.हल्दी युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है क्योंकि हल्दी में एंटी बैक्ट्रियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त दिलाने में सहायक होते है।
6. एक धार्मिक मान्यता ये भी है कि चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है।
7.माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
8.राखी के पावन अवसर पर बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। शास्त्रों में श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है पर रक्षाबंधन के दिन कुमकुम से ही तिलक किया जाता है। कुमकुम के तिलक के साथ चावल का प्रयोग भी किया जाता है।
9.यह तिलक विजय, पराक्रम, सम्मान, श्रेष्ठता और वर्चस्व का प्रतीक है। तिलक मस्तक के बीच में लगाया जाता है। यह स्थान छठी इंद्री का है।
10.इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि अगर शुभ भाव से मस्तक के इस स्थान पर तिलक के माध्यम से दबाव बनाया जाए तो स्मरण शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता, बौद्धिकता, तार्किकता, साहस और बल में वृद्धि होती है।
11.माथे पर आप दोनों भौहों के बीच जहां आप तिलक लगाते हैं वो अग्नि चक्र कहलाता है। यहीं से पूरे शरीर में शक्ति का संचार होता है। यहां तिलक करने से ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
12.इसका प्रतीकात्मक अर्थ यह हुआ कि बहन की समाज में रक्षा के लिए इन सभी गुणों की जरूरत है अत: बहन के ही शुभ हाथों से कार्य संपन्न होना चाहिए। बहन से अधिक शुभ आपके लिए कौन सोच सकता है और वह भी राखी जैसे पर्व के दिन। अत: राखी के दिन भाई को कुमकुम से बहन के हाथों तिलक का रिवाज है।