Home समाचार निगम प्रशासन को व्यापारियों के सामने झुकना पड़ा!

निगम प्रशासन को व्यापारियों के सामने झुकना पड़ा!

62
0

महज तीन घंटे में बदलना पड़ा अपना निर्णय

राजनांदगांव(दावा)। नगर निगम प्रशासन को आज शहर के व्यापारियों के जबर्दस्त विरोध के बीच आखिरकार झुकना पड़ गया और अपने जारी आदेश को महज तीन-चार घंटे के भीतर बदलना पड़ा।
दरअसल मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया, जब नगर निगम आयुक्त द्वारा शहर के व्यापारियों की बैठक लेकर गोमास्ता एक्ट के तहत शहर की दुकानों को गुरूवार की बजाय हर रविवार को पूर्णत: बंद रखने का बेतुका निर्णय ले लिया गया। चूंकि बैठक में मौजूद व्यापारियों ने आयुक्त की बातों का खुलकर विरोध नहीं किया, इसलिए तत्काल प्रभाव से आयुक्त द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया। आदेश में कहा गया कि गोमास्ता अधिनियम के तहत शहर की दुकानें अब गुरुवार की बजाय रविवार को बंद रहेगी। यह बात सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से शहर के व्यापारियों तक पहुंची और एक-दूसरे से फोन पर संपर्क कर आयुक्त के उस आदेश को तुगलगी फरमान बताते हुए व्यापारी इसके विरोध में आ गए।

व्यापारियों का कहना था कि शहर में शुरु से ही गोमास्ता एक्ट के तहत सप्ताह में एक दिन गुरुवार को ही दुकानें बंद रहती आ रही है। व्यापारियों ने कहा कि आयुक्त द्वारा कुछ बड़े व्यापारियों के दबाव में आ कर तुगलकी फरमान जारी किया गया है। कुछ बड़े व्यापारी रविवार को अपनी दुकानें बंद कर छुट्टी मनाते हैं, जबकि छोटे व्यापारियों का व्यापार रविवार को सबसे अधिक रहता है। रविवार को सरकारी छुट्टी की वजह से अधिकारी-कर्मचारी से लेकर आम लोग भी घरों में रहते हैं और खरीदारी के लिए बाजार पहुंचते हैं। ऐसे में दुकानें रविवार को बंद रखने से व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा।

आखिरकार व्यापारीगण बड़ी संख्या में मानव मंदिर चौक में एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी करते हुए निगम आयुक्त से तुगलकी परमान को वापस लेने की मांग को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान व्यापारियों सहित नागरिकों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस बल को भी तैनात करना पड़ा। आखिरकार व्यापारीगण अपनी मांगें मनवाने में सफल रहे। अंतत: निगम आयुक्त को तीन-चार घंटे पहले जारी आदेश को रद्द करते हुए पहले की तरह सप्ताह में एक दिन गुरूवार को शहर की सभी दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी करना पड़ा। उसके बाद ही आक्रोशित व्यापारीगण शांत हुए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here