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कोरोना से हुई मौतों का मुद्दा सदन में गूंजा, भाजपा सदस्यों ने किया वॉकआउट

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ध्यानाकर्षण के जरिए बृजमोहन, शिवरतन शर्मा ने उठाया मामला
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा-छग में कोरोना से मृत्यु दर सीएफआर 1.2 है जो देश की औसत दर 1.4 से कम है
रायपुर।
विधानसभा में आज प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण से हुई मौतों का मुद्दा भाजपा सदस्यों ने जोरशोर से उठाया। इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मृत्यु दर काफी कम है, वहीं रिकवरी दर भी काफी अ’छी है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल और शिवरतन शर्मा ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से प्रदेश में कोविड-19 से हुई मौतों का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि छग ने मौत के मामले मेें कई बड़े राÓयों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2& नवंबर को मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय अंबिकापुर में एक 42 वर्षीय संबलपुर ग्राम निवासी सोमरकाम देवांगन जो कमर दर्द का ईलाज कराने गया और कोविड-19 के वार्ड में भर्ती कर उसका इलाज किया गया। भर्ती के 4 घंटे बाद उस ग्रामीण की मौत हो गई। चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसकी मृतक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसका प्रमाण पूरे प्रदेश के अस्पतालों में किस्से रहे है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने भाजपा सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राÓय में कोरोना संक्रमण से मृत्यु की दर (सीएफआर-1.2) है, जो कि पूरे भारत देश में कोरोना संक्रमण से मृत्यु औसत दर (सीएफआर-1.4) से कम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राÓय में कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम की समुचित तैयारियों के कारण ही, कोरोना से मृत्यु का पहला प्रकरण संबलपुर के प्रथम प्रकरण के बहुत समय बाद घटित हुआ।

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि 2& नवंबर को सोमार साय नाम के व्यक्ति (जो कि ग्राम सेमरा, थाना जयनगर, जिला सूरजपुर का निवासी था) को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालय अंबिकापुर सरगुजा छत्तीसगढ़ में गंभीर स्थिति में प्रात: लगभग 7.&0 बजे आपातकालीन विभाग में ईलाज के लिए लाया गया था। आपातकालीन विभाग में ड्यूटीरत डॉक्टर के द्वारा मरीज का प्राथमिक उपचार कर अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर एब्डोमिनल पेन एवं पेनक्रियाटाईटीस का समुचित ईलाज किया जा रहा था एवं ईलाज के दौरान मरीज की मृत्यु हो गई। यह मरीज कोरोना संक्रमित नहीं था।

श्री सिंहदेव ने इससे इंकार किया कि 10 दिसंबर 2020 की स्थिति में बिलासपुर के जिला अस्पताल के 1950 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन वेटिंग लिस्ट में है, क्योंकि इस अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर के चारों ओर कोविड-19 के आईसोलेशन केन्द्र स्थापित कर दिये हैं। उन्होंने इस आरोप को भी गलत बताया कि ऑपरेशन के अभाव में 10 से अधिक मरीजों की जान चली गई, बाकी बचे गरीब मरीज अपना घर द्वार एवं जेवर गिरवी रखकर निजी अस्पतालों में ईलाज करवाने को बाध्य हुए हैं। उन्होंने बताया कि वास्तविकता यह है कि वर्तमान में मातृ शिशु अस्पताल बिलासपुर एवं छत्तीसगढ़ आयुविज्र्ञान संस्थान बिलासपुर (सिम्स) के ऑपरेशन थियेटर में मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। ऑपरेशन के पूर्व मरीजों का कोविड-19 टेस्ट किया जाता है, तत्पश्चात ही ऑपरेशन किये जा रहे हैं एवं पूर्ण सावधानी बरती जा रही है।

भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने पूरक प्रश्र करते हुए मंत्री से पूछा कि आयुष्मान योजना, स्मार्ट कार्ड और खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना से कोरोना के कितनें मरीजों का इलाज कराया गया। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आयुष्मान योजना में 58 लाख परिवार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में चार लाख परिवार और खूबचंद बघेल योजना में 54 लाख परिवार पंजीकृत है तथा इनमें खूबचंद योजना से 17 हजार से अधिक मरीजों का इलाज कराया गया है।

भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 सेंटरों में अव्यवस्था के चलते मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहीं गरीब लोग घर, जेवर बेचकर इलाज कराने के लिए मजबूर हो रहे है। उन्होंने इस कार्यवाही के दौरान सदन की अधिकारी गैलरी खाली होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतना महत्वपूर्ण विषय पर सदन में चर्चा हो रही है और अधिकारी गैलरी से स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ही मौजूद नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने इस पर कहा कि मुझे एससीएस का फोन रात में आया था उन्हें बुखार है और आज जांच के बाद कोरोना पॉजीटिव पायी गयी है, जिसके वजह से वह यहां मौजूद नहीं है।

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