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बर्फानी दादा के शिष्यों ने शिवनाथ के तट पर मुंडन करा व तर्पण कर भावभिनी भावांजलि दी

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राजनांदगांव। संस्कारधानी राजनांदगांव को मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ की स्थापना कर देशभर में धार्मिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में पहचान दिलाने वाले देश के प्रसिद्ध संत व अखिल भारतीय चर्तु: सम्प्रदाय के श्रीमहंत श्रीश्री 1011 योगाधिराज ब्रम्हर्षि बर्फानी दादा जी के अंतिम संस्कार के तीसरे दिवस आज 27 दिसम्बर को राजनांदगांव लौटकर श्री बर्फानी दादा जी के अनेक शिष्यों ने छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध शिवनाथ नदी मोहारा में विधि विधान व मंत्रोच्चार के मध्य अपने सीर मुंडवाकर व तर्पण क्रिया कर भावभिनी भावांजलि अर्पित की गई। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के अन्य स्थलों में भी उनके भक्तों के द्वारा भावांजलि अर्पण करने का कार्य किया जा रहा है।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि देशभर में पहचान बना चुकी गर्भगृह में विराजमान मां काली स्वरूपनी मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ को स्थापित करने वाले व संस्था के आशीर्वादक श्री बर्फानी दादा जी का 23 दिसम्बर बुधवार की रात्रि में गुजरात के अहमदाबाद में देवलोक गमन पश्चात 25 दिसम्बर को 5 प्रमुख स्थलों के महामंडलेश्वरों के द्वारा अंतिम संस्कार क्रिया की गई थी। आज अंतिम संस्कार के तीसरे दिवस हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार जहां मेहंदीपुर में अस्थि एकत्रित की गई वहीं राजनांदगांव में उनके भक्तों के द्वारा शिवनाथ नदी के तट पर वरिष्ठ सदस्यों श्री अयोध्या प्रसाद जोशी, नरेन्द्र खंडेलवाल, श्यामसुंदर श्रीवास्तव, हरीश अग्रवाल, गेंदलाल सोनी, संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, कुलबीर सिंह छाबड़ा, आलोक बिंदल, बलविंदर सिंह भाटिया, कमलेश सिमनकर, आकाश दास, अशोक पांडे, गुरजिंदर सिंह ग्रेवाल की उपस्थिति में संस्था के उपाध्यक्ष दीपक जोशी, डोमन महाराज, सूरज जोशी, मनीष परमार, योगेन्द्र पांडे, संतोष खंडेलवाल, संजय खंडेलवाल, चन्द्रकुमार जायसवाल, प्रकाश गुप्ता, विनय सोनी, विकास सोनी, आलोक जोशी, डा. सुबोध गुप्ता, संतोष साहू, अधीन राम सिन्हा, रविन्द्र डोंगरे, अनील वर्मा, धनुकराम वर्मा, सुनील यादव, सुखीराम एवं दुर्ग के भक्तगण युवराज देशमुख, गजानंद गौतम, अजय कन्नौजिया, एकानंद पुरी, मुचुंद पुरी, अरुण सोनवानी, प्रमोद राजपूत, हुकुमचंद साहू ने अपने सीरों के बाल को अर्पित करते हुए शिवनाथ नदी में डुबकी लगाकर विधि विधान से मंत्रोच्चार के मध्य तर्पण क्रिया को पूर्ण करते हुए श्री दादा जी के चरणों में अपनी भावभिनी भावांजलि अर्पित कर हमेशा मानव जाति के कल्याण व जनकल्याणकारी कार्य की प्रेरणा देते रहने हेतु मनोकामना की। इस अवसर पर अंजनी महाराज, संजू अग्रवाल, रवि कुमार, मनोज सेन, पवन आदि ने सहयोग प्रदान किया।

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