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पुरुषों ने कहा, महिलाओं को हल्‍के में न लें, ये हमारी बपौती नहीं हैं

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आज जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए मनाया गया। इसका उदेश्य महिलाओं के परिवार पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान में योगदान को सराहा जाना था।

इस दौरान महू, इंदौर और सनावदिया के सभी उम्र के पुरुषों के लिए सोलर कुकिंग कार्यशाला की मेजबानी डेस्टार सोलर कुकिंग सॉल्यूशंस के संस्थापक सुनील चैहान ने की। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल अनुराग शुक्ला मास्टर ट्रेनर थे। मुख्य अतिथि डॉ सुभ्रजन चटर्जी थे।

लेफ्टिनेंट कर्नल अनुराग शुक्ला ने सोलर कुकर और दूध पाउडर पर रबड़ी बनाकर सभी को चकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘महिलाओं को टेक फॉर ग्रांटेड मत लीजिए, वे समानता और सम्मान की पात्र हैं।

डॉ सुभ्रजन चटर्जी ने खाना पकाने के बारे में कहा कि आप आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, पत्नी को खुशी दे सकते हैं

राहुल चंदेल जनसंवाद में काम करते हैं, इस अवसर पर उन्होंने बताया कि आज की दुनिया में जब लोग अपने काम में बहुत अधिक फंस जाते हैं, खाना पकाने के लिए मां, पत्नी, बहन के लिए खाना बनाकर सबसे अच्छा समय बि‍ताया जा सकता है। यह न केवल रिश्ते को मजबूत करेगा बल्कि खुशियों के द्वार भी खोलेगा।

जनक पलटा मगिलिगन ने अपने प्रिय बहाई उद्धरण को साझा किया। उन्‍होंने कहा मानवता की दुनिया के दो पंख हैं- एक महिला है और दूसरी पुरुष। जब तक कि दोनों पंख समान रूप से विकसित नहीं हो जाते, तब तक पक्षी उड़ नहीं सकता। हम अपने दैनिक आजीविका के माध्यम से हमारे आस-पास की महिलाओं को कैसे सशक्त बना सकते हैं, इसके बारे में सोचना चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस लैंगिक पूर्वाग्रह और असमानता के खिलाफ खड़े होने का एक विकल्प है। हमें अपने आसपास की महिलाओं को सशक्त बनाने और उनका समर्थन करने के तरीकों की तलाश करते रहना चाहिए। सौर ऊर्जा से खाना पकाना इन कई तरीकों में से एक है।

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