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शहर की खूबसूरती को बदनुमा बना रहे अवैध होर्डिंग-पोस्टर

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शहर के हर कोने में अवैध विज्ञापनों से पटा हुआ है, निगम प्रशासन की मौन सहमति
राजनांदगांव(दावा)।
शहर में राजनीतिक पार्टियों व विभिन्न एजेंसी कंपनी संचालकों द्वारा नियम कायदों को ताक में रख कर जगह-जगह प्रचार प्रसार के लिए होर्डिंग्स लगाए गए हैंं। शहर का हर कोना अवैध विज्ञापनों से पटा हुआ है। ऐसा लग रहा है मानो शहर में होर्डिग्स लगाने के लिए होड़ मची हुई है। राजनीतिक पार्टियों, दुकानदारों व विभिन्न एजेंसी कंपनी संचालकों द्वारा नियम कायदों को ताक में रख कर जगह-जगह प्रचार प्रसार के लिए होर्डिंग्स व पोस्टर लगाए गए हैंं। बावजूद इसके निगम प्रशासन कार्रवाई करने गंभीर नहीं है।

निगम से अनुमति नहीं ली गई
शहर के मेन रोड़ के आसपास हो या अंदरूनी इलाके सभी जगह अवैध विज्ञापनों को देखा जा सकता है। विज्ञापन धारकों को नियम अनुसार निगम से अनुमति लेना है, लेकिन अधिकांश जगहों पर लगे विज्ञापनों का निगम से अनुमति नहीं ली गई है। बावजूद इसके निगम के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन विज्ञापन धारकों पर मेहरबानी बरती जा रही है।

विद्युत पोल को भी नहीं छोड़ रहे
अवैध विज्ञापन धारकों ने सरकारी संपदा को भी नहीं छोड़ा है। शहर के अधिकांश विद्युत पोल में दुकानदारों व निजी स्कूल कॉलेजों का विज्ञापन आसानी से देखा जा सकता है। विद्युत विभाग भी इन लोगों पर किसी तरह कार्रवाई नहीं कर रहा है। शहर के इमाम चौक के पास एक दुकान संचालक द्वारा अवैध रुप से बड़ा पोस्टर लगाकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

जगह-जगह अवैध विज्ञापन
वहीं जीई रोड, फ्लाई ओवर, रेलवे स्टेशन रोड, पुराना रेस्ट हाऊस से तुलसीपुर चौक, प्यारेलाल चौक से भदौरिया चौक से बसंतपुर चौक सहित शहर के अंदरूनी इलाकों में जगह-जगह अवैध विज्ञापन लगा हुआ है। निगम के अधिकारियों को अवैध विज्ञापन की जानकारी होने के बाद भी किसी तरह कार्रवाई नहीं किया जा रहा है।

कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं
बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 में विज्ञापन बोर्ड को सड़क किनारे से हटाने निर्देश जारी किए थे। जिसमें नेशनल व स्टेट सड़क किनारे और ज्यादा यातायात वाली सड़के भी इन आदेशों के दायरे में है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि नगर निगम कम ट्रैफिक दबाव वाली जगहों पर विज्ञापन लगाने का प्रबंध करें। लेकिन निगम प्रशासन आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। अवैध विज्ञापन धारकों पर 1250 से 2250 रूपए जुर्माना करने का प्रावधान है। लेकिन निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

कार्रवाई करने अभियान चलाएंगे-आयुक्त
इस संबंध में नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि अवैध होर्डिंग्स लगाने वालों के उपर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। मामला सामने आने पर प्रावधान के तहत वसूली की जाएगी।

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