Home समाचार दिखावा साबित हो रहा कोविड केयर सेंटर-डॉ. रेखा मेश्राम

दिखावा साबित हो रहा कोविड केयर सेंटर-डॉ. रेखा मेश्राम

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डॉक्टर नहीं, आक्सीजन की कमी, कोरोना संक्रमितों की जा रही जान

राजनांदगांव(दावा)। प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष डॉ. रेखा मेश्राम ने कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए शहर में खोले गये दर्जनों कोविंड केयर सेन्टर को केवल दिखावा बताते हुए कहा कि इन सेन्टरों में न तो कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए कोई डाक्टर है और न देखभाल के लिए नर्से वार्ड ब्वायो की व्यवस्था है। डॉ. मेश्राम ने कहा कि इन कोविड सेन्टरों में सबसे बड़ी समस्या आक्सीजन सिलेण्डर की है जिसके अभाव में संक्रमित मरीज चन्द घंटे में दम तोड़ रहे है। कोविड केयर सेन्टर सहित मेडिकल कालेज अस्पताल की भी इसी तरह स्थिति बनी हुई है। यहां आक्सीजन सिलेण्डर से लेकर गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेशन न होना प्राण घातक सिद्ध हो रहा है। उन्होंने इलाज के अभाव में मौत की शिकार हो रहे लोगों की इस दारूण दशा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना केयर सेन्टर से लेकर अस्पतालों में आक्सीजन की कमी के चलते अपने बीमार लोगों की जान बचाने कंधे पर सिलेन्डर लाद कर ले जाना पड़ रहा है। अस्पतालों में बेड खाली नहीं है या अपनी जिम्मेदारी से बचने खाली होने का नाटक किया जा रहा है। इसके चलते संक्रमित मरीजों व उनके परिजनों को इस अस्पताल से उस अस्पतालों व कोविड केयर सेेन्टरों की चक्कर लगानी पड़ रही है।
डॉ. मेश्राम ने कोरोना से लडऩे छ.ग. शासन सहित जिला प्रशासन की व्यवस्था को नाकाफी बताते हुए कहा कि अस्पतालों से लेकर कोविड केयर सेन्टरों में अव्यस्था का आलम है। स्थिति यह है कि बेड व अन्य आवश्यक सुविधाओं के अभाव में संक्रमित मरीजों को सडक़ पर ही वाहनों में रख कर आक्सीजन दिया जा रहा है। यह व्यवस्था की नाकामी को दर्शाता है अस्पतालों में आक्सीजन सिलेण्डर की इस कदर कमी बनी हुई है कि डाक्टर मरीज के परिजनों को खुद आक्सीजन सिलेण्डर खरीद कर लाने के लिए कहा जा रहा है। एम्बूलेंस वाले मरीजों को लूट रहे है। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की दुरावस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. मेश्राम ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व नांदगांव के लोकप्रिय विधायक, विकास पुरूष डॉ. रमन सिंह यदि अपने कार्यकाल में पेण्ड्री में मेडिकल कालेज नहीं खोलते तो आज कोरोना महामारी की स्थिति क्या होती? इसे अन्दाजा लगाया जा सकता है लोग इलाज के अभाव में बड़ी संख्या में दम तोड़ते नजर आते। वर्तमान में इन अस्पतालों व मेडिकल कालेज की हालत यह हो गई है कि वेंटिलेटर सुविधा से लेकर आक्सीजन गैस सिलेन्डर व रेमडसीवीर इंजेक्शन सहित अन्य जीवन रक्षक सुविधाओं के लिए लोगों के समक्ष गुहार लगानी पड़ रही है। जिला अस्पताल में सदैव डाक्टर नर्स स्टाफ का रोना बना रहता है। कितने ही पैरामेडिकल डाक्टर, कम्पांउडर, छात्र-छात्राएं बेरोजगार है, ऐसे संकट काल में सरकार को इनकी नियुक्ति की जानी चाहिए। इनकी भर्ती सेे कोरोना महामारी के इस काल में जिला अस्पताल से लेकर कोविड केयर सेन्टर में इनकी सेवाएं ली जा सकती है। उन्होंने कोरोना जांच के लिए उपयोग में आने वाले आरटीपीसीआर एन्टीजन टू नाट, पी.पी.ई. किट की कमी होने पर भी सवाल उठाया तथा कहा कि इसके चलते संक्रमित मरीजों की वास्तविक जानकारी नहीं मिल पा रही है।

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