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टीका और दवाई की कमी के लिए मोदी के गलत फैसले जिम्मेदार-क्रांति बंजारे

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रेमडसिवीर की कालाबाजारी में पहले गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और अब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस भूमिका उजागर

राजनांदगांव(दावा)। कोरोना की सेकंड वेव और महामारी के शिकार लोगों को हो रही दवाइयों की कमी के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार की सदस्य वा एआईसीसी मेम्बर क्रांति बंजारे ने कहा है नोटबंदी जीएसटी और किसान कानून जैसे तुगलकी फैसलों की तरह ही करोना के नियंत्रण, दवाइयों और वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार ने लगातार गलत फैसले लिए जिसका परिणाम आज पूरा देश और देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ भी भुगत रहा है।
बंजारे ने कहा कि फरवरी मध्य में जब विश्व के अनेक देशों में करोना महामारी की दूसरी वेव शुरू हो गई थी, उस समय प्रधानमंत्री मोदी यह कह रहे थे कि भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पूरे विश्व को प्रेरणा दी है। प्रधानमंत्री मोदी के इसी अतिआत्मविश्वास ने देश को करोना महामारी के मामले में दूसरी बार नुकसान पहुंचाया है। 6 करोड़ वैक्सीन वैक्सीन डिप्लोमेसी के नाम पर निर्यात कर दी गई जबकि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए पूरी की पूरी सप्लाई चैन अपने देश में के लिए सुनिश्चित करने में लगे हैं। ऐसे समय हम लोग अपना टीका अन्य देशों को वैक्सीन डिप्लोमेसी के नाम पर दे रहे थे और भारतीय नागरिक को और खासकर देश की युवा पीढ़ी को टीकाकरण के सुरक्षा चक्र से वंचित कर रहे थे। मोदी सरकार ने यह 6 करोड़ टीके महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में दे दिए गए होते तो आज इन करोना प्रभावित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण समापन की ओर अग्रसर हो रहा होता। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान टीकाकरण की गति से अपनी पूरी आबादी के टीकाकरण में संयुक्त अरब अमीरात को 4 हफ्ते ब्रिटेन को 3 हफ्ते अमेरिका को 6 हफ्ते लगेंगे जबकि भारत को पूरी आबादी का टीकाकरण करने में 116 महीने लगेंगे।
टीकाकरण नीति और खासकर टीकाकरण की आयु के निर्धारण में मोदी सरकार से बहुत बड़ी चूक हुई है जिसका खामियाजा देश भुगत रहा है। देश की आबादी के 65 प्रतिशत युवाओं को मोदी सरकार द्वारा अभी तक टीकाकरण के सुरक्षा चक्र से वंचित रखना पूरी तरह से गलत है। वैक्सीन की निजी क्षेत्र में उपलब्धता सुनिश्चित ना करके और निजी अस्पतालों को भी सिर्फ सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने की गलत नीति के द्वारा मोदी सरकार ने सरकार के संसाधनों पर टीकाकरण का पूरा बोझ डाल दिया है।
मोदी सरकार सत्ता के घमंड और झूठ के प्रचार की रणनीति पर आधारित रहने के कारण लगातार भूल पर भूल करते जा रही है और इसे छुपाने के लिए गलत आंकड़ों का सहारा लेती है। मोदी सरकार ने दावा किया कि भारत ने 95 दिन में 10 करोड़ आबादी का टीकाकरण किया जबकि अमेरिका को इसी कार्य में 98 दिन लगे। इस तथ्य को छुपा लिया गया अमेरिका की कुल आबादी 33 करोड़ है और उस दिन तक अमेरिका ने अपनी एक तिहाई आबादी का टीकाकरण कर लिया था जबकि भारत की 135 करोड़ की आबादी में 10 करोड़ का टीकाकरण दसवां हिस्सा भी नहीं है।
कांग्रेस संचार की सदस्य क्रांति बंजारे ने कहा है कि रेम्सडीवीर की कालाबाजारी और इसमें पहले गुजरात के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और बाद में महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की भूमिका उजागर होने से स्पष्ट हो गया है कि आपदा में अवसर की रणनीति का लाभ उठाने के लिए भाजपा के नेता किसी भी सीमा तक गिर सकते हैं। गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल के पास बड़ी मात्रा में रेमडीसिविर दवाई पाई गई और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस देश के बाहर एयर कार्गो द्वारा बड़ी मात्रा में रेम्सडीवीर भेज रहे दवा आपूर्ति करता के जप्त स्टाफ को छुड़ाने के लिए थाने तक चले गए। देश के दवा कानून के खिलाफ जाकर यदि भाजपा के गुजरात और महाराष्ट्र के 2 बड़े नेता रेम्सडीवीर के कारोबार में लिप्त पाए जाते हैं तो यह देश के अन्य राज्यों में भी हो रहा है इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
यह स्थिति तब है, जब विश्व के रेम्सडीवीर उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा भारत की कंपनियां सिपला डॉ रेड्डी लेबोरेटरी, इवा फार्मा, फिरोसंस लैबोरेट्रीज, हेटेरो लैब्स जूबिलेंट लाइफ साइंसेज, सिनजेन, बायोकॉन और जाइडस कैडिलाबउत्पादन करती हैं और 127 देशों में वितरित भी करती हैं। भारत की कंपनियों की कुल उत्पादन क्षमता 38.80 लाख यूनिट प्रतिमाह है। वैक्सीन के मामले में की गई गलती दवाइयों के मामले में भी दोहराई गई और इसका परिणाम भुगतने के लिए भारत के लोग मजबूर हैं जिन्होंने मोदी जैसे अदूरदर्शी नेता को प्रधानमंत्री चुना।

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