नई दिल्ली। कोरोना संक्रमित राज्यों में आक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए डीएम और एसपी की जिम्मेदारी तय कर दी है। ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने की स्थिति में उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने की स्थिति में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय किए जाने के पीएम के स्पष्ट निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने नया आदेश जारी किया। शुक्रवार को पीएम फिर से तीन अलग-अलग उच्चस्तरीय बैठक कर कोरोना की समीक्षा करेंगे।
पूरी स्थिति की जानकारी लेंगे मोदी
इस दौरान पीएम बहुत ज्यादा संक्रमण वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों और ऑक्सीजन उत्पादकों के साथ पूरी स्थिति की जानकारी लेंगे। इसी को देखते हुए उन्होंने शुक्रवार को बंगाल में प्रस्तावित चार रैलियां स्थगित कर दी हैं। पिछले तीन-चार दिनों में यह साफ होने लगा है कि देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता से ज्यादा बड़ी परेशानी सप्लाई और कुछ स्तर पर हो रही अनियमितताएं हैं।
ऑक्सीजन की आपूर्ति पर समीक्षा बैठक
गुरुवार को प्रधानमंत्री ने इसके उत्पादन और मांग के साथ-साथ सप्लाई में आ रही दिक्कतों की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राज्यों की मांग के अनुरूप ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। बुधवार की शाम 20 राज्यों की ओर से 6785 टन प्रति दिन ऑक्सीजन सप्लाई की मांग की गई थी। केंद्र की ओर से इन राज्यों को 6822 टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया। यानी असल समस्या उपलब्धता नहीं, अस्पतालों तक पहुंचने की है।