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सरकार के नियंत्रण में नहीं है बिजली विभाग-परवेज अहमद

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राजनांदगांव(दावा)। लोग कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। जीवन और मृत्यु से संघर्ष हॉस्पिटलों में कर रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के नियंत्रण में बिजली विभाग नहीं होने के कारण शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई घंटों बिजली कटौती की जा रही है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सदस्य परवेज अहमद पप्पू ने कहा कि कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में किसी भी हाल में एक मिनट भी बिजली कटौती नहीं करना चाहिए, क्योंकि हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की कमी के कारण बिजली से ऑक्सीजन मशीन से पूर्ति की जा रही है। ऐसे हालात में घंटों तक बिजली विभाग कटौती कर रही है। ऐसी हालात में कोरोना मरीजों की हालत क्या होगी, इससे सरकार को और बिजली विभाग को कोई मतलब नहीं है।
श्री अहमद ने कहा कि बिजली की कटौती श्रमिक बाहुल्य क्षेत्रों में अधिक हो रही है। वीआईपी क्षेत्रों में नाम मात्र की कटौती की जा रही है। सरकार और विभाग की इस दोहरी नीति से श्रमिक बहुल क्षेत्रवासी काफी नाराज हैं। शहर में अधिकांश बिजली पोल पर चिडिय़ों का घोंसला बना हुआ है, जिसकी सफाई के लिए बिजली विभाग को बारिश पूर्व अभियान चलाना चाहिए, क्योंकि चिडिय़ा के घोसले से ही शॉर्ट सर्किट होने का डर रहता है। बिजली विभाग की घोर लापरवाही के कारण बारिश के पहले आए दिन घंटों तक बिजली बंद होना, बिजली विभाग की नाकामी का नतीजा है, जिसका खामियाजा आम जनता भोग रही है। बारिश के पूर्व शहर सहित पूरे जिले में बिजली मेंटेनेंस अच्छे से करते तो बारिश के समय में भी बिजली पोल तार के आसपास किसी प्रकार से कोई हवा तूफान से पेड़ पौधे नहीं गिरते, लेकिन बिजली विभाग जानबूझकर देरी करके मेंटेनेंस के नाम पर आम जनता को परेशान करने के उद्देश्य और नीति से अभी से बिजली कटौती की जा रही है।
उन्होंने कहा कि शहर के कई वार्डों में बिजली पोल में तार के साथ ही केबल वायर भी लगे हुए हैं, जबकि केबल वायर लगने के बाद ओपन तार को हटा देना चाहिए, लेकिन दोनों तार आज भी लगे हुए हैं। ऐसे कई क्षेत्रों की जानकारी होने के बावजूद बिजली विभाग द्वारा ठेकेदार को फायदा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से केबल वायर लगाने की छूट दी जा रही है।
उन्होंने कोरोना कॉल में किसी भी हॉस्पिटल में बिजली गुल किए जाने को गलत बताते हुए कहा कि जिला प्रशासन को इसे संज्ञान में लेते हुए बिजली कटौती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।

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