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प्राइवेट बैंकों में खाताधारकों से अवैध वसूली-परवेज

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बैंकिंग लोकपाल को करना चाहिए जांच
राजनांदगांव(दावा)।
शहर सहित जिलों के प्राइवेट बैंकों के द्वारा लगातार खाताधारकों को परेशान करते हुए अवैध वसूली किया जा रहा है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सदस्य परवेज अहमद पप्पू ने प्राइवेट बैंकों के द्वारा खाताधारकों से लगातार कर रहे अवैध वसूली को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

प्राइवेट बैंकों के द्वारा जब ग्राहकों के द्वारा खाता खुलवाया जाता है तो उन्हें तरह-तरह का प्रलोभन कभी ब्याज का और अन्य सुविधा का, लेकिन ग्राहक वह खाता धारी बनता है, तब उन ग्राहकों को बाकी सरकारी बैंकों से अच्छी सर्विस देनी है, कह कर उन्हें प्राइवेट बैंकों पर खाता खुलवाने के लिए तैयार किया जाता है। खाता खुलने के बाद उन खाताधारकों से अवैध वसूली प्राइवेट बैंकों के द्वारा की जाती है। प्राइवेट बैंकों के द्वारा अपने खाताधारकों को हर माह चार्ज अलग-अलग तरह से लगाया जाता है। हर माह राशि खाते से माइनस करके काटा जाता है और खाताधारकों से खाते में मेंनटेन के नाम से राशि काटी जाती है, जिसका कोई हिसाब किताब बैंक के द्वारा खाताधारकों को नहीं दिया जाता। जब खाताधारकों के द्वारा खाता बंद करवाने के नाम से 20 हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक जोडक़र बताते हैं। खाताधारकों के द्वारा जब खाता बंद कराने जाते हैं तो खाते में माइनस बता कर हर माह 1500 रुपये से 2000 रुपये खाता मेंटेन के नाम से बताया जाता है। जितने भी खाताधारक है, उनको बैंक के द्वारा कोई हिसाब नहीं बताया जाता। जब खाताधारक इन बैंकों में पूछते हैं, तो खाता मेंटेन करने का चार्ज भी बोलते हैं, तो कभी टीडीएस कटा है, इस प्रकार से अनेक तरह के चार्ज बैंक के द्वारा खाताधारकों के खाते में जोड़ा कर काटा जाता है।

श्री अहमद ने आगे बताया कि भारतीय स्टेट बैंक को ऐसे प्राइवेट बैंक जो शहरों व गांवो में खोलने के लिए अनुमति दी जाती है, उन बैंकों को खाताधारकों को ध्यान में रखते हुए सही मापदंडों का पालन कराना चाहिए नहीं तो ऐसे प्राइवेट बैंकों पर उचित कार्यवाही के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को अवगत कराते हुए दंडात्मक कार्यवाही करने के साथ-साथ लाइसेंस रद्द करना चाहिए।

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