राजनांदगांव(दावा)। आवासहीनों को आशियाना उपल्बध कराने केन्द्र सरकार द्वारा अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत पीएम आवास का निर्माण कराया जा रहा है। पीएम आवास के मामले में शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है कि निगम प्रशासन को 1151 स्वीकृत आवास को राज्य शासन के पास निरस्तीकरण के लिए भेजा गया है। निरस्तीकरण के लिए भेजे गए प्रस्ताव में यह मामला सामने आया है, जिसमें आवास बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है। वहीं हितग्राहियों के व्यवस्थापन के लिए व्यवस्था नहीं होना पाया गया है।
नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में शहर में 6000 हजार आवास बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अब तक सिर्फ 2270 आवास ही बन कर तैयार हुआ है। वहीं 2303 आवास निर्माणाधीन है और 2611 का काम अब तक शुरु नहीं हुआ है। इसके अलावा 1151 आवास को जमीन नहीं होने और हितग्राहियों के लिए व्यस्थापन नहीं होने के कारण निरस्तीकरण के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
डेढ़ साल बाद एक करोड़ की राशि स्वीकृत
जानकारी के अनुसार शहर में पीएम आवास की राशि करीब डेढ़ साल से अटकी हुई थी। अधूरे मकान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हितग्राही नगर निगम, जिला पंचायत व जनपद पंचायत के चक्कर कांट रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार पीएम आवास के लिए इसी माह करीब एक करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। इसके बाद से अधूरे पड़े आवासों का काम फिर से डेढ़ साल बाद शुरु हुआ है। बताया जा रहा है कि राशि स्वीकृत होने के बाद निगम प्रशासन द्वारा हितग्राहियों के खाते में पहला, दूसरा व बचे हुए तीसरा किश्त डाला जा रहा है।
शहर में अब तक सिर्फ 2270 आवास बने
पात्र हिताग्रहियों का सर्वे कर नगर निगम ने शहर में पीएम आवास के तहत 6000 मकान बनाने का टारगेट किया है, लेकिन पिछले डेढ़ साल में निगम सिर्फ 2270 मकान ही बना पाया है। इसमें से भी कई आवास कम्प्लीट नहीं है। कई आवास में फिनिशिंग का काम बाकि है, तो कहीं फ्लोरिंग ही नहीं हुई है। बंधक जमीनों पर फ्लेट के रूप में बने पीएम आवासों तक भी पानी-बिजली नहीं पहुंच पाया है। बताया जा रहा है कि अधूरे पड़े व शुरु नहीं हुए आवासों को सितम्बर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।