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पेशाब की थैली में हुए कैंसर का सफल आपरेशन, समदा के डॉक्टर्स का कमाल

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एक अन्य मरीज की किडनी का भी इलाज
राजनांदगाँव (दावा)।
मरीज की पेशाब की थैली में हुए जटिल कैंसर का सफल आपरेशन कर समदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने यह संदेश दिया है कि अब कठिन से कठिन बीमारी का इलाज भी स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है। इसी तरह किडनी में हुई पथरी ,जो काफी बड़ी थी उसे भी आपरेशन द्वारा निकालकर डॉक्टर्स ने मरीज को राहत पहुँचायी है । समदा हॉस्पिटल वीआईपी रोड स्थित के डॉक्टर निखर जैन (सर्जन), डॉक्टर रितेश जैन एवं निश्चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर महेश्वर की अथक मेहनत ने उक्त बड़ी सफलता अर्जित की है।

समदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के संचालकों ने जानकारी देते हुए बताया कि वीआईपी रोड, बसंतपुर स्थित समदा हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने चिकित्सा के क्षेत्र में वह सफलता अर्जित की है, जिसके लिए मरीजों को बड़े शहर की ओर ताकना पड़ता था। हॉस्पिटल के काबिल डॉक्टर्स ने पहली बार पेशाब की थैली में हुए कैंसर से पीडि़त मरीज ,गातापार खुर्द निवासी को बड़ी राहत ही नही दी वरन परिजनों को यह कहने भी विवश कर दिया कि डॉक्टर्स ने उन्हें नया जीवन प्रदान किया है । लगभग 06 घंटे चले उक्त जटिल आपरेशन के बाद डॉक्टर्स ने पेशाब थैली को ही शरीर से बाहर निकाल दिया। मरीज की पेशाब के लिए पेट से एक नया रास्ता बनाकर डॉक्टर्स ने अपनी काबिलियत से नई तकनीक को ईजाद कर अब बड़े शहर की भाग-दौड़ पर विराम लगाने का संदेश दिया है। आपरेशन के बाद मरीज को एहतियातन 3 दिन आईसीसीयू में रखा गया और फिर 8 दिन बाद पूर्ण स्वस्थता की स्थिति में हॉस्पिटल से छुट्टी दी गयी। इसी तरह समदा के डॉक्टर्स ने राजनांदगाँव निवासी एक पथरी के पेसेन्ट की भी तकलीफ दूर की। अत: डॉक्टर्स ने आपस में परामर्श कर यह तय किया कि मरीज की सेहत के लिए इसे शरीर से निकालना ही बेहतर हो सकता है । परिजनों की सहमति के बाद डॉक्टर्स की टीम ने दूरबीन पद्धति से 4 घंटे तक आपरेशन थियेटर में जद्दोजहद कर किडनी को सफलता पूर्वक बाहर निकाला। मरीज को छठें दिन घर भेज गया।
पहली बार हुई ऐसी सर्जरी: बताया जाता है कि पेशाब की थैली में फैले कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का सफल आपरेशन इससे पहले शहर में नहीं हुआ था । इस प्रकार की सर्जरी रायपुर में जरूर की गई है । पेशाब के लिए नया रास्ता बनाना भी राजनांदगाँव के इतिहास में पहली घटना है । दोनों आपरेशन की सफलता के बाद डॉक्टर्स की समझ- बुझ की दोनों परिवारों ने मुक्तकंठ से सराहना की।

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