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दुकानों के पात्र हितग्राहियों ने जारी किया बयान

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राजनांदगांव(दावा)। नगर निगम द्वारा कमला कॉलेज चौक में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत नवनिर्मित 24 दुकानों के आबंटन को लेकर उपजे विवाद को लेकर आबंटन से पृथक किए गए 9 हितग्राहियों ने बयान जारी किया है। हितग्राहियों ने कहा कि हमारी दुकानों को हटाकर अपात्रों को दुकानें दी जा रही हैं। हमारी आजीविका का साधन छीन लिया गया है और अब जब हम न्याय मांग रहे हैं तो हमारी मांगों को नजऱ अंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों इस विषय को लेकर हमें चक्काजाम करना पड़ा, लेकिन महापौर या आयुक्त ने हमारी समस्याएं सुनने या हमारे मौजूदा हालात समझने की कोई कोशिश नहीं की।

हितग्राहियों ने कहा कि अब पुरानी दो सौ दुकानों के आबंटन की जांच का मामला सामने लाया जा रहा है। हमारा पक्ष स्पष्ट है कि उन दुकानों की जांच हो या न हो लेकिन उससे पहले हमें हमारी आजीविका चलाने के लिए जल्द से जल्द दुकानों का आबंटन किया जाए। हितग्राहियों ने कहा कि हम 9 दुकानदारों को दुकानों का आबंटन शीघ्र से शीघ्र किया जाए। हमें हमारी जगह से हटाया गया और अब हमें हमारी दुकानें वापस चाहिए ताकि हमारा परिवार भी दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष न करे।

हितग्राही सलीम अख्तर, श्रीमती सुनीता सोनी, श्रीमती नीशा श्रीवास, आशीष सोनी, मंशाराम देवांगन, विजय दास, मनीष चौहान, हितेश देवांगन, रवि बंजारे ने संयुक्त रुप से कहा कि हमें न्याय मिलने में देर न हो। पुरानी दो सौ दुकानों के आबंटन का विषय अलग है और हमारा अलग। उन दुकानों का आबंटन किए काफी वक्त बीत चुका है और लोग वहां अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। हमे भी तत्काल रोजगार की जरुरत है। सभी हितग्राही विगत दो वर्षों से कोविड-19 के प्रकोप के कारण ऐसी बेरोजगार हैं और इस आशा में हैं कि उन्हें पुन: दुकान आबंटन होने पर उनका व्यवसाय फिर से पुन: प्रारंभ हो जाएगा और अब उनके सामने भूख मरने की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि शहर की प्रथम नागरिक होने के नाते महापौर श्रीमती हेमा देशमुख की जिम्मेदारी बनती है कि वे हमें हमारी आजीविका का साधन वापस लौटाएं।

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