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संगीत विश्वविद्यालय में करोड़ों की गड़बड़ी का खुलासा, कलेक्टर ने बनाई जांच टीम

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इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में भ्रष्टाचार का एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके अंतर्गत पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित भवनों में अनियमितताओं की शिकायत आई है। कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी के चार अफसरों की जांच टीम तैयार करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं।”


खैरागढ : देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एशिया के सबसे बड़े कला-संगीत संस्थान के रूप में विख्यात एशिया का एकनाम मात्र इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।दरअसल, पिछले कुछ सालों के दौरान की गई तमाम अनियमितताओं का यहां पर अब परत दर परत खुलासा होने जा रहा है। इसी कड़ी में एक ताजा मामला सामने आया है। जिसमें कलेक्टर तारन प्रकाश सिंहा ने पीडब्ल्यूडी के चार अफसरों की एक टीम बनाई है और संगीत विश्वविद्यालय परिसर में किए गए, निर्माण कार्यों के अनियमितताओं की जांच करने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि रूसा योजना के तहत् विश्वविद्यालय में पिछले कुछ सालों के दौरान करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य कराए गए हैं। उन निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के अलावा निर्माण में लेटलतीफी तथा अन्य वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें रही हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने जांच तय किया है। जानकारी मिली है कि कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी के चार कार्यपालन अभियंता स्तर के अधिकारियों की एक टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों के दौरान की गई तमाम अनियमितताओं को दबाने के प्रयास भी यहां पर शुरू हो गए हैं। अनियमितताओं में शामिल संगीत विश्वविद्यालय के कई कर्मचारी इस मामले को दबाने के लिए अन्य मुद्दों पर विरोध की राजनीति कर रहे हैं। जिसके कारण संगीत विश्वविद्यालय में तनाव की स्थिति भी निर्मित हो रही है। विश्वविद्यालय के सूत्रों की मानें तो जब से कुलपति बदली है, तब से यहां जारी कई खामियों पर लगाम कसा जा रहा है। ऐसे में पूर्व कुलपति के कार्यकाल में कराए गए तमाम निर्माण कार्यों की पोल-पट्टी भी खुल रही है। जाहिर है, उन कार्यों में विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की भी लिप्तता रही है। कार्रवाई की आंच से बचने के लिए ऐसे कर्मचारी और अधिकारी अब कई हथकंडे अपना रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों शीघ्रलेखक कैडर को पदोन्नति देने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने जो सकारात्मक संशोधन किया था। उस पर भी विरोध किया जा रहा था।जबकि परिनियम 14 में संशोधन भी कर्मचारी वर्ग की मांग पर, कर्मचारियों के हित में उठाया गया कदम है। बहरहाल, तमाम तिकड़मों के बावजूद प्रशासन ने संगीत विश्वविद्यालय के भीतर की गई तमाम गड़बड़ियों को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।

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