Home छत्तीसगढ़ बाजार में सजी रंगोली की दुकानें, गोबर के दीये भी बाजार में

बाजार में सजी रंगोली की दुकानें, गोबर के दीये भी बाजार में

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राजनांदगांव(दावा)। रंग-रोगन सहित खुशियों को त्यौहार दीपावली के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई है। देश के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली को लेकर बाजार अब पूरी तरह सज गया है। 24 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व परम्परानुसार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। करवा चौथ को लेकर बाजार गुलजार रहा। खरीदारी के लिए बाजार में भारी भीड़ देखी गई।
करवा चौथ में सुहागिन महिलाए सोलह श्रृंगार से सजी-धजी वहीं घर के आंगन चौबारों को रंगोली से सजाया गया। इससे घर आंगन की रौनक बढ़ गई। रंगोली-चौक पूरना-वंदनवार आदि को शुभ एवं मंगलप्रद माना जाता है। इसके चलते रंग-बिरंगी रंगोली से सजी दुकानों में रंगोलियां खूब बिक रही है। बाजार में मिट्टी के दीये भी बड़ी मात्रा में बिक रहे है। करवा चौथ में भी मिट्टी के आकर्षक दीयो का खासी मांग रही। मिट्टी के आकर्षक दीये 5 से 10 रूपये प्रति नग व सादे दीये एक रूपये के 10 नग बिक रहे है। बाजार में अब शीघ्र ही गोबर से बने दीये आने वाली है इसकी भी खासी डिमांड रहती है।


रंगोली 25 रूपये किलो
बाजार में इन दिनों अलग-अलग रंगों की रंगोली लोगों को आकर्षित कर रही है। इसी तरह रंगोली बनाने की चलनी से लेकर रेखा-बाउडर बनाने के लिए स्केच पिचकारी, पोछा रबर आदि से बाजार की दुकाने सजी है। रंगोली व्यवसायी श्री गुप्ता ने बताया कि उनके दुकान में 20 से 25 रूपये किलो में रंगोली बेची जा रही है। इसी तरह गुड़ाखू लाइन में दुकान लगाए देवांगन ने भी लगभग इसी कीमत पर रंगोली बेचा जाना बताया। रंगोली बनाने की चलनी 10 रूपये से 60-70 रूपये प्रति नग वही रंगोली की बाउडर बनाने वाली स्केच पिचकारी 20 रूपये प्रति नग बेचा जाना बताया। शहर के मुख्य मार्केट गोलबाजार गुड़ाखू लाइन सहित अन्य स्थानों में भी रंगोली की दुकाने सजी है, जहां खासकर महिलाओं व युवतियों द्वारा खरीदी करती देखी जा सकती है।
शहर में इस बार भी पिछले वर्ष की तरह स्वच्छता दीदीयों द्वारा गोबर से बने दीये बेचे जाने का स्टाल लगाए जाने की तैयारी है। नगर के चार गौठानों लखोली, मोहारा, रेवाडीह व नवागांव में स्वच्छता दीदीयों द्वारा गोबर से दीये बनाये जाने का कार्य जारी है। आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी की माने तो स्वच्छता दीदीयों द्वारा अब तक पांच हजार दीये का निर्माण किया जा चुका है। प्रतिदिन 500 के आसपास दीये बनाए जा रहे है। इसमें रंग भरने के बाद इसकी सुन्दरता बढ़ जा रही है। इन आकर्षक दीयो को बाजार में सप्लाई के प्रयास शुरू कर दिये गये है। ई-कामर्स कम्पनियों के माध्यम से इन्हें विक्रय किया जाना है। दीवाली पर्व के नजदीक आते ही बाजार में रंगोली सजावट की दुकाने व मिट्टी के दीयो सहित गोबर से बने दीयो की दुकानें सज गई हैं, जहां खरीदारो की भीड़ देखी जा रही है।

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