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स्तन कैंसर से ठीक हुए मरीजों ने किया सभी को जागरूक

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संजीवनी कैंसर हास्पिटल में जागरूकता कार्यक्रम
राजनांदगांव(दावा)।
संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन द्वारा शहर के चिखली में संचालित संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल में स्तन कैंसर के लिए विशेष कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कैंसर से ठीक हुए पुराने मरीजों ने अपनी अपनी लड़ाई को कहानी साझा की। इस अवसर पर स्तन कैंसर से ठीक हुए अनेक पुराने मरीजों के साथ संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञ भी उपस्थित थे। इस अवसर पर हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं कैंसर सर्जन डॉ युसुफ मेमन ने बताया कि स्तन कैंसर से बचाव हेतु निम्न लक्षणों को ध्यान में रखना चाहिए. स्तन या बगल में नई गांठए स्तन के हिस्से का मोटा होना या सूजन होनाए- स्तन की त्वचा में जलन या डिंपल होना, निप्पल क्षेत्र या स्तन में लाली या परतदार त्वचा, निप्पल में खिंचाव या निप्पल क्षेत्र में दर्द, रक्त सहित स्तन के दूध के अलावा अन्य निप्पल डिस्चार्ज, स्तन के आकार या आकार में कोई परिवर्तन, स्तन के किसी भी क्षेत्र में दर्द।

हॉस्पिटल के सिनियर कैंसर सर्जन डॉ अर्पण चतुर्मोहता ने स्तन कैंसर के बारे में पी पी टी के माध्यम से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्तन कैंसर के लिए सलाह देते हुए कहा कि लक्षण होने पर आप अपने डॉक्टर से स्तन कैंसर की जांच के बारे में पूछे। स्तन जागरूकता के लिए स्तन स्वपरीक्षा के माध्यम से अपने स्तनों से परिचित हों, जितना हो सके शराब से दूर रहें। सप्ताह के अधिकांश दिन व्यायाम करें, पोस्ट मेनोपॉज़ल हार्मोन थेरेपी को सीमित करें। स्वस्थ वजन बनाए रखें तथा स्वस्थ आहार चुनें। हॉस्पिटल के कीमोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ अनिकेत ठोके ने स्तन कैंसर के उपचार के बारे में बताते हुए कहा कि स्तन कैंसर का उपचार साधारणत: कैंसर के स्टेज पर निर्भर करता है। स्तन कैंसर के उपचार हेतु कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

हॉस्पिटल के रेडिएशन थेरेपी विषेशज्ञ डॉ रमेश कोठरी एवं डॉ सतीश देवांगन ने बताया कि जितनी जल्दी स्तन कैंसर का पता चले सफल उपचार की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। आप स्वयं स्तन कैंसर के बारे में जागरूक रहें और अन्य लोगों में भी स्तन कैंसर की जागरूकता फैलाने की कोशिश करें तभी स्तन कैंसर के मामलों की जल्द पहचान हो पाएगी और उसका उपयुक्त उपचार किया जा सकता है। इस अवसर पर हॉस्पिटल के पुराने अनेक स्तन कैंसर मरीजों ने स्तन कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई के अपने अनुभव साझा किए। स्तन कैंसर जागरूकता के इस कार्यक्रम में 18 साल से लेकर 90 वर्ष तक के मरीज एवं स्तन कैंसर से ठीक हो चुके पुरुष मरीज भी उपस्थित थे।

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