घुमका क्षेत्र के सलोनी खार में बीती रात की घटना, आरोपी अज्ञात, पुलिस विवेचना में जुटी
राजनांदगांव (दावा)। घुमका थाना क्षेत्र के सलोनी खार स्थित एक फार्म हाऊस में बीती रात अज्ञात लोगों ने पति-पत्नी पर धारदार हथियार से वार कर मौत के घाट उतार दिया। हत्यारों ने दोनों के सिर को वजनी पत्थर से कुचल दिया था। हत्यारों का सुराग नहीं मिला है। दीवाली के ठीक पहले क्षेत्र में हुई इस सनसनीखेज वरदात से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में जुटी है। जमीन संबंधी विवाद के चलते दंपत्ति की हत्या करने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के मटोरगांव निवासी 43 वर्षीय महावीर सिंह जाट पिता बलवन सिंग अपनी पत्नी 38 वर्षीय मीनाक्षी के साथ सलोनी खार स्थित देशमुख फार्म हाऊस को लीज में लेकर खेती करता था। बीती रात अज्ञात आरोपियों ने घर में घुसकर धारदार हथियार से हमला कर पति-पत्नी को मौत के घाट उतार दिया।
दोनों के सिर पर ताबड़तोड़ हमला किया
पुलिस मौके पर पहुंची और घर में लगे ताले को तोड़ा गया। जैसे ही दरवाजा खोला महावीर सिंह की लाश दरवाजे के पास पड़ी हुई मिली। वहीं उनकी पत्नी मीनाक्षी की लाश पलंग पर लहूलुहान स्थिति में मिली, जिसके बाद फोरेंसिक टीम को बुलाया गया और प्रारंभिक जांच शुरू की गई। आरोपियों द्वारा मृतक महावीर जाट और उसकी पत्नी के सिर पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतारा गया है।
घटना स्थल पूरी तरह से खून से सना हुआ है। फोरेंसिक टीम द्वारा घटना स्थल की बारीकी से जांच की गई।
जमीन का कारोबारी था मृतक महावीर सिंह
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महावीर सिंह जाट मूलत: कैथल जिला हरियाणा का निवासी था। वह जमीन को लीज पर लेकर व्यवसाय करता था। महावीर सिंह जाट की मध्यप्रदेश के कटनी में भी 20 एकड़ जमीन है तथा अन्य कई जगह पर जमीन से जुड़े कारोबार हैं। माना जा रहा है कि जमीन विवाद के चलते ही उनकी हत्या की गई होगी। पुलिस अपराध दर्ज कर विवेचना कर रही है।
28 एकड़ जमीन को लीज में लेकर कपास की खेती
पुलिस ने बताया कि मृतक महाबीर जाट वाणीराव देशमुख की करीब 28 एकड़ जमीन को दो साल पहले लीज (रेगहा) में लिया था और जमीन पर कपास की खेती कर रहा था। बुधवार की शाम तक महावीर को फार्म हाऊस में देखा गया था। उसके बाद वहां काम करने वाले नौकर अपने घर चले गए थे। सुबह सात बजे जब नौकर आए तो महावीर को नहीं दिखा और घर पर ताला लगा हुआ था, जिसकी सूचना काम करने वाले नौकर ने वाणीराव देशमुख को दी। उसके बाद उन्हें आसपास के लोगों और परिजनों से उनकी जानकारी ली गई, लेकिन जानकारी नहीं मिलने के कारण इसकी सूचना पुलिस को दी गई।