Home समाचार जिला हास्पिटल में डिजीटल एक्स-रे मशीन फिर खराब… नये मशीन की मांग

जिला हास्पिटल में डिजीटल एक्स-रे मशीन फिर खराब… नये मशीन की मांग

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बड़ी संख्या में डॉक्टर हो रहे रिटायर… नये डाक्टरों की अपेक्षा
राजनांदगांव (दावा)।
जिला चिकित्सालय बंसतपुर में डिजीटल एक्सरे मशीन फिर से खराब हो गई है। इसके कारण अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को एक्सरे के लिए भटकना पड़ रहा है। बता दें कि उक्त डिजीटल एक्स-रे मशीन पिछले कुछ महिनों पहले फिर से खराब हो गयी थी। जिसे बाहर से इंजीनियर बुलाकर सुधरवाया गया था। मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों हुई जोरदार बारिश के बाद ड्रेेनेज का पानी अस्पताल में घुसने के चलते एक्सरे मशीन के कुछ पार्टस पानी के सम्पर्क में आ गये जिससे मशीन में खराबी आ गई है।

मशीन के बिगडऩे पर सुधारने के लिए रायपुर से एक्सपर्ट पहुंचे थे। पार्टस में आई खराबी और उसे बदलने की जानकारी दी गई लेकिन बजट के अभाव में मशीन के सुधार होने में देरी हो रही है। बताया जा रहा है कि बार-बार बिगडऩे वाली उक्त एक्स-रे मशीन की जगह नये मशीन की मांग अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई है। हालांकि दूसरा एक्सरे मशीन चालू है लेकिन डाक्टरों द्वारा ज्यादातर डिजीटल एक्स-रे व सिटी स्कैन कराने की सलाह देने से मरीजों को डिजीटल भटकना पड़ रहा है।

सेवानिवृत्त हो रहे डाक्टर्स
जिला चिकित्सालय बसंतपुर से बड़ी संख्या में विशेषज्ञ डॉक्टर सेवानिवृत हो रहे है। पिछले दो महिने में लगभग दर्जन भर डाक्टर रिटायर्ड हो चुके है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. बी.सी जैन से लेकर डॉ. ठाकुर आदि रिटायर हो चुके है। इसी तरह संविदा डाक्टरों की भी यहां से स्थानांतरण हुआ है। अस्पताल में 22 डॉक्टरों की जरूरत है, जिसमें से मात्र 11 डॉक्टर ही काम कर रहे है। 11 डाक्टरों के पद खाली है। इसमें मेडिसीन से लेकर सर्जरी, नाक-कान, गला रोग, एनटी के अलावा हड्डी रोग, स्त्री रोग विशेषज्ञ, गायविल डॉक्टरों की अति आवश्यकता है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा उम्मीद की जा रही है कि नये कलेक्टर डोमन सिंह आने के बाद स्थिति में सुधार आएगी। पिछले कलेक्टर द्वारा दो फिजिशियन सहित कुछ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई थी। आक्सीजन प्लांट की दिशा में काम किया गया था। इसी तरह नये कलेक्टर श्री सिंह से भी 11 खाली पड़े विशेषज्ञ डॉक्टरों के स्थान भरने की अपेक्षा की गई है।

अस्पताल परिसर में अंधेरा
सूत्रों की माने तो अस्पताल परिसर की स्ट्रीट लाइट बंद होने से रात में चारो ओर अंधेरा छाया रहता है, जिससे मरीज व उनके परिजनों को मेडिसिन व अन्य सामग्रिया लेने मेडिकल स्टोर्स तक आने में दिक्कते पैदा होती है। लाइट बंद होने से पूरे अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहता है। जिससे चोर-बदमाशों का डर बना हुआ है। मेडिकल कालेज से सम्बंध रहे उक्त अस्पताल में पहले भी चोरियां हो चुकी है। असमाजिक तत्व अशोभनीय कार्यों को अंजाम दे चुके है। अस्पताल के वार्डों में शौचालय की स्थिति दयनीय बनी हुई है। शौचालय के नलों मेें पानी नहीं आता। परिसर में बने गार्डन की स्थिति भी उजाड़ की है। जानने में आया कि अस्पताल में अंधेरा होने पर डीजल जनरेटर की व्यवस्था है, जिसे पांच मिनट में ही चालू कर दिया जाता है। लेकिन बाहर अंधेरे का साम्राज्य है।

डिजीटल एक्स-रे मशीन चार बार खराब हो चुकी है। बिगडऩे पर हमारा काम डायरेक्टर को बताना होता है। टेक्नेशियन भेजना उनका काम है। बार-बार बिगडऩे वाली उक्त मशीन के स्थान पर नये डिजीटल एक्स-रे मशीन के लिए मांग की गई है।
– डॉ. के.के. जैन
(सुपरिटेन्डेन जिला चिकित्सालय बसंतपुर)

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