झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। सरकार के पक्ष में 81 में से 45 विधायकों ने वोट किया। वहीं मुख्य विपक्षी दल BJP के विधायकों ने विश्वास मत पेश करने से ठीक पहले विधानसभा से वॉकआउट किया।
झारखंड में जारी सियासी ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत हासिल कर लिया है। विधानसभा में सरकार के पक्ष में 81 विधायकों में से 45 विधायकों वोट डाले। जबकि विपक्षी विधायकों ने विश्वास मत के वोटिंग से ठीक पहले वॉकआउट किया, जिसके कारण विपक्ष की ओर से विरोध में एक भी वोट नहीं डाला गया।
इसके पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा में अपना विश्वास मत रखते हुए कहा कि भाजपा गैर-भाजपा शासित राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह झारखंड के विधायकों की ‘खरीद’ में शामिल हैं। इसके साथ ही हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए दंगे भड़काकर देश में गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष ने लोकतंत्र को किया तबाह
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष ने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि “लोग बाजार में सामान खरीदते हैं, लेकिन भाजपा विधायकों को खरीदती है।” इसके साथ ही हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं दोलनकारी का बेटा हूं, इनसे डरने वाला नहीं हूं। न ही मैं डरा हूं और न ही किसी को डराऊंगा।
डर में है झारखंड सरकार
भाजपा के नीलकंठ मुंडा ने विधानसभा में कहा कि झारखंड के लोगों का मानना है कि सरकार डर में है। सरकार से विपक्ष, न्यायपालिका या राज्यपाल में से किसी ने भी विश्वास मत की मांग नहीं की है फिर यह डर क्यों? यह प्रस्ताव दिखाता है कि सरकार को अपने विधायकों पर ही भरोसा नहीं है।
बीजेपी का 2024 में साफ होने वाला है सूपड़ा
हेमंत सोरेन ने कहा कि BJP ने सर्वे करा लिया है, जिसमें उसे पता है कि 2024 में सूपड़ा साफ होने वाला है। इसलिए ये सरकार को अलग-अलग तरीके से अस्थिर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे तीन विधायक बंगाल में हैं। विधायकों के अवैध शिकायत का आरोप असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर है, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।