1968 में, 15 सितंबर को भारत सरकार ने सर एम विश्वेश्वरैया की जयंती को इंजीनियर्स दिवस के रूप में घोषित किया था. तब से, यह दिन उन सभी इंजीनियरों को सम्मानित करने और स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है
इंजीनियर्स डे इतिहास क्या है
1968 में, भारत सरकार ने सर एम विश्वेश्वरैया की जयंती को इंजीनियर्स दिवस के रूप में घोषित किया था. तब से, यह दिन उन सभी इंजीनियरों को सम्मानित करने और स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने योगदान दिया है और अभी भी एक आधुनिक और विकसित भारत के निर्माण के लिए ऐसा प्रयास कर रहे हैं.
इंजीनियर्स डे क्यों मानते है?
हर वर्ष भारत में 15 सितंबर को अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) के रूप में मनाया जाता है. ऐसा इसलिए क्यूँकि इसी दिन भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन हुआ था.
मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी का भारत में विशेष योगदान रहा है. इंजीनियर्स डे मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी को समर्पित है. 15 सितंबर 1860 में मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी का जन्म हुआ था और हर वर्ष इसी दिन इंजीनियर्स डे मनाया जाता है.
मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी को श्रद्धांजलि देने के तौर पर हर वर्ष इंजीनियर्स डे मनाया जाता है साथ ही इंजीनियर्स को सम्मानित करने के लिए इंजीनियर्स डे मनाने की शुरुआत की गई.
इंजीनियर्स डे का महत्व
भारत इंजीनियरिंग एवं आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश माना जाता है. भारत में बहुत सारे इंजीनियरिंग संस्थाएं हैं और इंजीनियरिंग के बहुत सारे कोर्स भी हैं. किसी भी देश को विकसित बनाने में इंजीनियर्स की मुख्य भूमिका रहती है. इंजीनियर्स को आधुनिक समाज की रीढ़ माना जाता है. बिना इंजीनियर के किसी भी देश का विकास असंभव है.
इंजीनियर्स डे हर वर्ष में एक बार आकर बार बार दुनिया को जताता है कि इंजीनियर हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं और वे सम्मान के हकदार है. साथ ही सभी लोगों को इस कार्यक्षेत्र में आकर अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करता है. इंजीनियर्स डे सिर्फ मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया और सभी इंजीनियर के सम्मान का दिवस तो है ही साथ ही यह दिवस सभी छात्रों को जताता है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप अपना करियर बना कर आप देश को विकसित करने में बाकी इंजीनियर्स की तरह अपना योगदान दे सकते हैं.
इस दिन का महत्व मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया के योगदानो के कारण और भी बढ़ जाता है. मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी के कुछ तकनीक विदेशों में भी उपयोग में लाये जा रहे हैं. मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी का जन्मदिवस सभी इंजीनियर्स और इंजीनियरिंग क्षेत्र में अपना करियर बना रहे छात्रों को अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करता है.
इंजीनियर्स दिवस सेलिब्रेशन
इंजीनियर्स दिवस के अवसर पर सर एम विश्वेश्वरैया के जन्मस्थली पर उनके स्मारक के पास तमाम तरह के आयोजन किये जाते हैं. यह आयोजन विश्वेश्वरैया नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. सर एमवी के पुरस्कारों, उपाधियों एवं उनकी निजी वस्तुओं (उनका चश्मा, कप, किताबें, उपाधियों आदि) का प्रदर्शन किया जाता है. स्थानीय लोग इसे स्थान को मंदिर तुल्य मानते हैं. राष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री एवं अन्य राजनेता अपनी स्पीच के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.
इस अवसर पर देश के अन्य हिस्सों में भी छात्र-छात्राओं को इस दिशा में आगे बढ़ने और देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया जाता है. शोध कार्य में लगे युवा इंजीनियरों को पुरस्कृत किया जाता है. भारत के अलावा इस दिन श्रीलंका एवं तंजानिया (अफ्रीका) में भी 15 सितंबर को इंजीनियर्स दिवस मनाया जाता है. सभी का उद्देश्य अपने देश के इंजीनियरों का सम्मान करना और राष्ट्र के निर्माण में योगदान देना है.