कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा शुक्रवार आज कोल्लम से फिर शुरू हुई। इस यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए।
कांग्रेस की भारत जोड़ों यात्रा आज पुनः कोल्लम से आरंभ हुई। राहुल गाँधी के साथ आज सीएम भूपेश बघेल भी इस यात्रा में शामिल हुए। आज सुबह सात बजे यह यात्रा शरू हुई। सीएम बघेल, राहुल गाँधी के साथ 11 बजे तक 4 चार घंटे यात्रा करने के बाद पहले पड़ाव पर पहुंचेंगे और फिर शाम तक रायपुर वापस लौट आएंगे।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पदयात्रा की शुरुआत के दिन सात सितम्बर को कन्याकुमारी गए थे। 8 सितम्बर को पदयात्रियों ने कन्याकुमारी से प्रस्थान किया था। मुख्यमंत्री पूरे दिन यात्रा का हिस्सा रहे। बाद में वे रायपुर लौट आए थे।
अगले दिन उन्होंने प्रदेश में दो नए जिलों का औपचारिक उद्घाटन किया था।कन्याकुमारी से आरंभ हुई भारत जोड़ो यात्रा 11 सितम्बर को केरल की सीमा में पहुंची। यह त्रिवेंद्रम, कोच्चि होते हुए 30 सितम्बर को कर्नाटक पहुंचेगी। इसके बाद विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए अंत में जम्मू होते हुए राहुल गांधी श्रीनगर पहुंचेंगे।
केरल रवाना होने पहले बिजली के दाम बढ़ने के बाद शुरू हुई राजनीतिक बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बिजली अभी और महंगी होगी।इसका सबसे बड़ा कारण विदेशों से कोयला आयात करना है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी और तैयार रहिए। विदेशी कोयला का पूरी तरह जब इफेक्ट आएगा तो बिजली का बिल और बढ़ जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, सैकड़ों यात्री ट्रेनों को बंद करने के बाद भी कोयला उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जितनी इस देश में खदान है वह पूर्ति नहीं कर पा रही है। इसके कारण से केंद्र सरकार विदेशों से कोयला मंगवा रही है। 3-4 हजार का कोयला यदि 15 हजार रुपए प्रति टन के हिसाब से मिलेगा, तो उत्पादन लागत बढ़ेगी। जब उत्पादन लागत बढ़ेगा तो बिजली के भाव बढ़ना ही बढ़ना है। मुख्यमंत्री ने पूछा,एनटीपीसी के जितने भी पावर प्लांट हैं वे बिजली दर बढ़ाएंगे तो राज्य में बिजली की कीमत नहीं बढ़ेगी? गौरतलब है कि दो दिन पहले ही प्रदेश में बिजली 30 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हुई है। यह दर वीसीए (वेरिएबल कास्ट एडजस्टमेंट) चार्ज में बढ़ाई गई है।
छत्तीसगढ़ में पैसेंजर ट्रेन के लगातार बंद होते जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं कि आम जनता को क्या परेशानी हो रही है। ये लगातार ऐसे निर्णय ले रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान हो। जब से रेल यातायात शुरू हुआ है तब से सरकार ने कभी रेल बंद नहीं किया है। आंदोलन के चलते बंद हो जाए या मरम्मत के लिए एक-दो दिन के लिए बंद हो जाए तो अलग है। महीनों-महीने तक के लिए सैकड़ों ट्रेनों को बंद कर दिया जाए ऐसा कभी नहीं हुआ। गरीब लोग, मध्यम श्रेणी के लोग जिससे सफर करते हों उसे बंद कर दिया। उनकी परेशानी से इनको कोई लेना-देना नहीं।