– बार-बार शिकायतों के बाद भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं।
रायपुर.
स्वास्थ्य विभाग की भर्ती प्रक्रिया में जमकर भर्राशाही चल रही है। इसका ताजा उदाहरण डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत हॉस्पिटल को-आर्डिनेटर के पद पर बिना परीक्षा परिणाम घोषित करने नियुक्ति देने का मामला है। जिस एजेंसी को भर्ती भर्ती का जिम्मा सौंपा गया था, उसके कर्ताधर्ता पर आरोप है कि उन्होंने अपने चहेते को बिना परिक्षा परिणाम घोषित किए नियुक्ति दे दी है। इसकी विभाग के आला अधिकारियों से कई बार भी शिकायत की गई है, लेकिन आज तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। दूसरी ओर परिणाम की प्रतीक्षा में पिछले 18 महीनों से बैठे अन्य प्रतिभागी आज तक अपने परीक्षा परिणाम घोषित करने की गुहार लगा रहे हैं।
प्रमुख सचिव से भी शिकायत, पर कोई कार्रवाई नहीं
बताया जाता है कि इस मामले की शिकायत कर्ताओं ने गत 16 सितंबर को प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य नोडल अधिकारी डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना आयुष्मान भारत से लिखित शिकायत की है। शिकायत पत्र में शिकायतकर्ता डॉ. हमित कुमार, निकेता पवार उत्तरवार, डॉ राजेश पटेल एवं डॉ प्रिंस जायसवाल ने कहा है कि राज्य में डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के सुचारू संचालन के लिए एजेंसी द्वारा 4 फरवरी 2021 को हॉस्पिटल कॉर्डिनेटर के लिए ऑनलाइन साक्षात्कार आयोजित किया गया था। साक्षात्कार के बाद भी आवेदकों द्वारा लगातार परिक्षा परिणाम घोषित करने विभाग को आवेदन किया गया । शिकायत करने वालों ने बताया कि राज्य नोडल एजेंसी से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार डॉ सर्वजीत मुखर्जी को हॉस्पिटल कोऑर्डिनेटर के पद पर कार्यालय राज्य नोडल एजेंसी रायपुर में नियुक्ति के लिए 23 अगस्त 2022 को आदेश जारी किया गया एवं नियुक्ति आदेश के निर्देश पर 1 सितंबर 2022 को पद पर नियुक्ति दे दी गई।
एफआईआर को भी छुपाया
मामले में शिकायतकर्ता डॉ. हमित कुमार, व निकेता पवार उत्तरवार द्वारा संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था कि डॉ. सर्वजीत मुखर्जी के विरुद्ध जिला दंतेवाड़ा थाना में वर्ष 14 जून 2019 में 420, 34 की धारा के तहत एफआईआर भी दर्ज है। मामले में लाभार्थी द्वारा अपराधिक मामले की जानकारी भर्ती प्रक्रिया के दौरान नोडल एजेंसी में उपलब्ध नहीं कराया गया।