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लोक गायिका लता खापर्डे को गीत-संगीत के साथ दी अंतिम बिदाई

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  • ० सीएम भूपेश बघेल व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने ट्वीट कर के दिवंगत लता को दी श्रद्धांजलि
  • ० अंतिम यात्रा में रहा कलाकारों का हुजुम… दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि

इंदिराकला संगीत विश्व विद्यालय के कुलपति व सुप्रसिद्ध लोक गायिका ममता चंद्राकर ने लता खापर्डे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने एक और लोक कलाकार को खो दिया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा उनके शोक संतप्त परिजनों शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

राजनांदगांव(दावा)। छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध लोक गायिका लता खापर्डे के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त करने उनके सामाजिक परिजनों सहित बड़ी संख्या में लोक कलाकार उमड़े।
लता खापर्डे के निवास स्थान भरकापारा से निकली अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में उपस्थित लोक कलाकारों ने मुक्ति धाम तक गाते-बजाते हुए उन्हें अंतिम बिदाई दी। इस दौरान उनके साथी कलाकार राम शरण दास वैष्णव सहित उनके परिजनों की आंखे नम थी। बता दे कि लोक गायिका लता की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रहा था। बुधवार को युनाइटेड हास्पिटल में एडमिट कराए जाने के बाद उसे हार्ट अटेक आया और उसकी ईह लीला समाप्त हो गई।
सुश्री खापर्डे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने ट्विट कर के दिवंगत लोक गायिका सुश्री लता खापर्डे को श्रद्धांजलि दी वही लोक सांस्कृतिक संस्था ‘अनुराग धारा’ के संचालक व राजगामी सम्पदा ट्रस्ट के अध्यक्ष विवेक वासनिक लता खापर्डे के निध को लोक कला जगत की अपुरणीय क्षति बताया। उन्होंने भगवान से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की। इस अवसर पर उपस्थित शहर जिला कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा ने लता के मृत शरीर पर कफन ओढ़ाते हुए काफी उद्वेलना महसूस की व कहा कि अपनी गायकी से छत्तीसगढ़ की माटी की महक देश दुनिया तक पहुंचाने वाली लता जी जैसे संस्कारधानी का एक और सितारा खो गया।
कवि/साहित्यकार व लोक कलाधमी आत्माराम कोशा ‘अमात्य’ ने सुश्री लता को आला दर्जे का कलाकार बताते हुए कहा कि चंदैनी गोंदा से लेकर गोदना व सुप्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर की नाटय संस्था न्यू थियेटर व आमीर खान के साथ फिल्म पीपली लाइव में निभाई गई उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके आकाशवाणी से प्रशारित होने वाले छत्तीसगढ़ी गीत… ले चल रे, गाड़ी वाला… सावन आगे व तोला का गोदना ल गोदव, जैसे गीत सुश्री लता की हमेशा याद दिलाते रहेगी। लोक गायिका लता के एक बड़े कट आउट के साथ चल रहे वाहन लोक कलाकार गोविंद साव, भागवत सिन्हा, सुनील बंसोड़, महादेव हिरवानी, विष्णु कश्यप, रोहित चंदेल आदि वाद्य यंत्रों के साथ गाते-बजाते चल रहे थे व लता के गीतों द्वारा उन्हें सांगीतिक श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही थी। लगभग 46 वर्ष उम्र की रही लता खापर्डे का यूं जाना लोगों को काफी अखर रहा था। इस दौरान उपस्थित मेलोडी आर्केस्ट्रा पार्टी के प्रकाश रंगारी, शंकर शरण, हर्ष मेश्राम, सुदेश संतोष यादव, हर्ष कुमार बिंदू, अनुराग गठावरे, मनहरण, प्रदीप, संजय मेश्राम, राकेश साहू, शंकर साहू, राहुल गौतम, प्रकाश वैदे, योगेश ठावरे, महेश्वर दास, वीरू साहू, लीलाधर, दीपक महोबिया आदि सहित बड़ी संख्या में खापर्डे परिवार के सामाजिक परिजन व रायपुर, दुर्ग, भिलाई से पधारे लोक कलाकार व कला प्रेमीजन उपस्थित थे। जिनके द्वारा मुक्तिधाम में लता को नम आख से श्रद्धांजलि दी गई।

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