० सरपंच, सचिव दोनों ने मिलकर शासन की राशि का किया बंदरबाट
० जनपद पंचायत अम्बागढ़ चौकी का मामला
अम्बागढ़ चौकी(दावा)। ब्लाक के जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत गोपलीनचुआ, गोर्राटोला और मोंगरा में वित्तीय अनियमितता होने का खुलासा हुआ है। जहां पर सरपंच और सचिव ने पंचायत अधिनियम 1992 धारा 40 का खुलेआम उल्लंघन करते हुए ग्राम पंचायत सरपंच सूर्यकांत रावटे ने खुद को लाभाविन्त किया है।
आप को बात दे कि अभी कुछ माह पहले इस तरह का मामला जनपद पंचायत अम्बागढ़ चौकी के अंतर्गत ग्राम पंचायत झिटिया व बागनारा में पाया गया था जिसका खुलासा होने पर दैनिक अखबारों में खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था, जिसके साथ ही ग्राम पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ से शिकायत कर जांच करने की मांग रखी थी जिस पर जनपद सीईओ ने तत्काल एक जांच टीम गठित कर जांच दल भेजकर का जांच किया गया, जिसमें वित्तीय अनियमितता से जुड़े सारे आरोप सरपंच व सचिव विरुद्ध सही पाए गए थे, जिस पर उच्चाधिकारी ने कार्रवाही करते हुए सचिव को निलंबित कर सरपंच व सचिव से लाखों रुपए की वसूली करने आदेश जारी किया गया था। ठीक उसी तरह का मामला गोपलीन चुआ और गोर्राटोला ग्राम पंचायत में पाया गया है। जहां पर 14 वें, 15 वें वित्त और मूलभूत राशि का वित्तीय अनियमितता करते हुए नाली निर्माण के नाम पर 44550/-रु., 38200/-रु. और साफ सफाई के लिए 1650/-रु. का बिल ग्राम पंचायत गोपलीन चुआ के सरपंच सूर्यकांत रावटे पिता प्रमोद रावटे के नाम पर राशि का भुगतान किया गया है।
वही गोर्राटोला सरपंच बिहारी लाल रावटे पिता झाड़ी राम को सीमेंट और पैरा खरीदी के लिए 4500/-रु. और गली लाईट सुधार के नाम पर 3500/-रु. यहां तक कि पंचायत में 19685/-रु. का बर्तन खरीदी हुई जिसका क्या-क्या उपयोग है। इसका जवाब तो सरपंच, सचिव ही दे सकते है जबकि मोगरा ग्राम पंचायत में सरपंच मोहित कुंजाम को मुरूम धुलाई के लिए 37000/-रु.,कचरा साफ सफाई पर 18000/-रु.बैनर बनाने 6000 रु., नाली खुदाई के लिए 4200, बल्ब खरीदी 12500, और पुलिया मरम्मत के नाम पर 36750/-रु. का भुगतान किया गया है जो धारा 40 का उल्लंघन है जबकि इन बिलों के साथ-साथ और भी ऐसे बहुत से फर्जी बिल लगे हुए है जिनकी अगर जांच कराई जाए तो बहुत से फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है, जिसको उच्चाधिकारियों को संज्ञान में लेकर जांच किया जाना चाहिए।
धारा 40 की उप धारा (ग) क्या है
पंचायत के किसी पदाधिकारी द्वारा पंचायत में अपने नातेदार के लिए नियोजन प्राप्त करने के लिए अपनी स्थिति एवं प्रभाव का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रयोग करना या किसी नातेदार को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए कोई कार्यवाही करना किसी प्रकार का पट्टा देना उन के माध्यम से पंचायत में किसी कार्य को करवाना नातेदार से अभिप्रेत है की पिता माता, भाई, बहन, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, सास-ससुर, साला बहनोई, देवर, साली, भाभी, ननद आदि से है…
यह है धारा 40 व 92 का मतलब
मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 में पंचायत पदाधिकारियों को हटाया जाने तथा धारा 92 के तहत पंचायत के अभिलेख एवं वस्तु को वापस कराने तथा धन वसूली करने का अधिकार है धारा 92 के तहत शासकीय राशि का गबन करने या अतिरिक्त रकम निकालने पर वसूली की कार्रवाई होती है इसके साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों पदाधिकारियों को पद से हटाए जाने की कार्यवाही धारा 40 के तहत की जाती है।
ललितादित्य नीलम एसडीएम मोहला:- इस तरह की अगर मेरे पास शिकायत आती है, तो जांच कर कार्रवाही की जाएगी।