अंबागढ़ चौकी (दावा)। नगर पंचायत की सामान्य सभा में हंगामा के एक दिन बाद गुरूवार को प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठक का नगर पंचायत अध्यक्ष सहित पीआईसी के मेंम्बर ने बहिष्कार कर दिया। प्रशासन की ओर से एसडीएम डेढ़ घंटे तक नगर पंचायत के विकास कार्यो की समीक्षा करते रहे। लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष सहित उनके पीआईसी मेंम्बर सूचना के बाद बैठक में शामिल नहीं हुए। मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। प्रशासन द्वारा एसडीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नगर पंचायत अध्यक्ष सहित पीआईसी मेंम्बर के शामिल नहीं होने की घटना को लेकर नगर में तरह-तरह की चर्चाए है।
अधोसंरचना मद की राशि वितरण को लेकर हुए नगर पंचायत परिषद की सामान्य सभा में मंगलवार को कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा किया था। कांग्रेस के आठ पार्षदों ने सीएम के घोषणा के बाद आई राशि का वितरण में पक्षपात का आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्षद मुकेश सिन्हा, शंकर निषाद, अविनाश कोमरे, मनीष बंसोड, शीतल भूआर्य, सविता मानिकपुरी व बिसन देवागंन ने आरोप लगाया था कि नगर पंचायत अध्यक्ष एवं सीएमओ बिना सूचना व परिषद के प्रस्ताव पास किए अपने चहेते चार पार्षदों के वार्ड में करोड़ों की राशि देने तथा विकास कार्य के लिए आई राशि का बंदरबाट करने काा आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्षद ने नगर पंचायत अध्यक्ष एवं सीएमओ पर मनमानी का आरोप लगाया था।
नाराज पार्षदों ने आरोप लगाया था कि कमीशनखोरी के चक्कर में गैरजरूरी कार्य कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। कांग्रेसी पार्षदों का कहना था कि अध्यक्ष एवं सीएमओ को पहले शासन से विकास के लिए कितनी राशि आई यह पहले बताना चाहिए इसके बाद सभी पंद्रह पार्षदों व एल्डरमेन तथा विधायक एवं सांसद प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सभी 15 वार्डो में राशि का समान रूप से वितरण तथा शहर विकास के लिए जरूरी अन्य कार्यो के लिए मंजूरी लेनी चाहिए।
पार्षदों ने आरोप लगाया कि बीते ढाई साल से शासन से विकास के लिए मिलने वाली राशि का दुरूपयोग हो रहा है। पार्षदों को बताया ही नहीं जा रहा है कि कितनी राशि आई है और कहां, कहां खर्च की गई इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। नाराज पार्षदों ने नगर पंचायत अध्यक्ष एवं सीएमओ द्वारा किए जा रहे पक्षपात की सूचना नवगठित जिले के एसडीएम व कलेक्टर की सूचना देते हुए मामले की जांच की मांग की थी।
सामान्य सभा में हंगामा व कांग्रेसी पार्षदों की शिकायत के बाद गुरूवार को प्रशासन की ओर से मोहला एसडीएम ललितादित्य नीलम ने नगर पंचायत के सभागृह में दोपहर 2 बजे समीक्षा बैठक बुलाई थी। प्रशासन की ओर से नगर पंचायत के सीएमओ ने परिषद के सभी पार्षदों को विधिवत सूचना भी दिया था। लेकिन इस बैठक में नगर पंचायत अध्यक्ष एवं उनके पीआईसी के अन्य चार मेंम्बर शामिल नहीं हुए। सूचना के बाद भी नगर पंचायत अध्यक्ष उनके पीआईसी सदस्यों का बैठक में शामिल नहीं होने को बैठक का बहिष्कार से जोड़ कर देखा जा रहा है।
आश्चर्य है कि नगर में मौजूद रहने के बाद भी नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पीआईसी सदस्य बैठक में शामिल नहीं हुए। एसडीएम दोपहर पौने तीन से सायं 4 बजे तक नगर पंचायत के सभागृह में बैठक के दौरान नगर पंचायत के विभिन्न मदों से मिली राशि एवं वार्डो में हुए विकास कार्य के संदर्भ में अपडेट लिया। बैठक में सीएमओ दिलीप यदु, उपयंत्री नितीन लकडा, सहित कांग्रेस के आठ व भाजपा के पार्षद मोहसीन भाई, सुरेश नेताम, धर्मेन्द्र साहू एल्डरमेन प्रमोद ठलाल, रजिया बेगम, गोलू खान तथा विधायक प्रतिनिधि रमेश त्रिपाठी उपिस्थत थे।
राशि वितरण में असमानता एवं गैरजरूरी कार्यों को प्राथमिकता देने पर एसडीएम उखड़े
प्रशासन द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में एसडीएम ललितादित्य नीलम ने सबसे पहले नगर पंचायत को शासन से मिले विकास राशि एवं वार्डो में हुए विकास कार्य की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान एसडीएम ने नाराज कांग्रेस पार्षदों के उन आरोपों को सही पाया कि अधोसरंचना मद में मिली राशि के तहत वार्डो में विाकस कार्य के लिए शासन को भेजे गए प्रस्तावों में पार्षदों के वार्डो में राशि बांटने में भेदभाव किया गया है। एसडीएम ने बैठक में सीएमओ व उपयंत्री के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सभी वार्डो में विकास के लिए समान रूप से राशि का वितरण करना चाहिए तथा गैरजरूरी कार्यो के स्थान पर नगर विकास के लिए आवश्यक कार्यो में ही राशि खर्च का प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए था। एसडीएम ने सीएमओ से कहा कि आप नगर विकास के लिए सभी पार्षदों को साथ लेकर चले और किसी के साथ भेदभाव न करें। भविष्य में इस तरह की कोई गलती दोहरायी नहीं जाए अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहे।