राजनांदगांव (दावा)। केन्द्रीय गोंड महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.डी. ठाकुर व ओराइबाँध महासभा के अध्यक्ष मदन नेताम एवं समाज के अन्य प्रमुखों प्रेस क्लब भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि आदिवासी युवक विजय नेताम की आत्महत्या प्रकरण सिर्फ आत्महत्या नहीं, दबंगों द्वारा की गई हत्या है, जिसमें डोंगरगढ़ के हथेल बंधुओं पर विजय नेताम के परिवार वालों ने आरोप लगाया है। परिवार वालों ने समाज को बताया कि डोंगरगढ़ के सुदखोर, रसूखदार तरुण हथेल, गब्बर हथेल, अरविन्द हथेल और सोनम साहू के द्वारा विजय नेताम को हर समय प्रताडि़़त, गाली-गलौच व मारपीट किया करते थे।
मृतक विजय नेताम के परिवार वालों का कहना है कि विजय नेताम के पिता राजू नेताम ने तरुण हथेल से कुछ रुपये कर्ज लिए थे जिसकी अदायगी पहले से की जा चुकी है लेकिन हथेल बंधुओं द्वारा विजय के पिता की मौत के बाद उनके पुत्र विजय नेताम को डराना-धमकाना गाली गलौच एवं मारपीट और कई तरह से प्रताडि़त करते थे, लिहाजा विजय नेताम ने 4 अक्टुबर 22 के दरमियान रात लगभग 3-4 बजे आत्महत्या कर ली। विजय नेताम के परिवार द्वारा पुलिस थाना में सूचना दिया गया किन्तु एफआईआर दिनांक 09 अक्टूबर 22 को सुबह 10.20 बजे थाना प्रभारी डोंगरगढ़ द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया। जो भारतीय दंड विधान की धारा 306 दफा 34 छ.ग. ऋ ण योग के संरक्षण 1937 की धारा 04 के अंतर्गत दर्ज किया गया है। पुलिस द्वारा घटना दिनांक 05/10/22 को होने के बाबजूद 09/10/22 को 4 दिन बाद अपराध पंजीबद्ध किया गया यह पुलिस प्रशासन की घोर लापरवाही दर्शाता है।
आदिवासी गोंड समाज आरोपी तरुण हथेल, अरविन्द हथेल, गब्बर हथेल एवं सोनम साहू को गिरफ्तार करने की मांग की है। मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता शासन द्वारा दी जाए और मृतक के परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में लिया जाये। उक्त मांग को 7 दिवस के अन्दर कार्यवाही किए जाने की चेतावनी दी है अन्यथा आदिवासी समाज उग्र आन्दोलन करने पर विवश होने की बात कही है, जिसकी जिम्मेदारी शासन/प्रशासन की होगी। उपरोक्त वार्ता में सुहागा बाई नेताम, रमेश नेताम, रेशमा कंदराम, मदनलाल, गंगाराम मंडलोई, मनभावन सिंह उईके आदि उपस्थित थे।