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भाजपा जनप्रतिनिधि किसानों की सुध लेने पहुंचे दर्री एनीकट

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डोंगरगाँव (दावा)। दर्री-मटिया एनीकट के समीप जमीन बहने के दो माह बाद भी किसानों को कोई बड़ी राहत नहीं मिल पाई है. जहाँ किसानों की कीमती जमीन कुछ अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के अनदेखी व लापरवाही के चलते बह गई लेकिन जुलाई माह के बाद से अब तक अधिकारियों और नेताओं का दल निरीक्षण कर के लौट चुका है लेकिन अब तक न ही किसी जिम्मेदार पर कार्यवाही की गई है और पीडि़त किसानों को जमीन बहने के बाद खड़ी फसल का मुआवजा तो दिया गया जो कि उनके हक का है लेकिन बहे जमीन के संबंध में कोई किसी के पास कोई जवाब नहीं है. इधर जिला पंचायत सदस्यों के सदन में आवाज उठाने के बाद जांच टीम गठित की गई और अधिकारियों का दल मौके में पहुंचा और किसानों को जल्द राहत का आवश्वासन दिया गया है. पीडि़त किसानों के अनुसार उनके लिए उनकी जमीन कीमती है और उन्हें उसी स्थल पर जमीन वापस दिये जाने की मांग लगातार सभी से कर रहे हैं. 13 अक्टूबर गुरूवार को क्षेत्रीय विधायक कुछ अधिकारियों के साथ एनीकट पहुंचे थे लेकिन मौके पर पीडि़त किसानों से ही नहीं मिले. इधर विधायक महोदय का इसी दिन का एक विडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एनीकट के उद्घाटन के समय उन्हें नहीं बुलाया गया था इसलिए उन्हें काफी बुरा लगा था जबकि इस मामले में पीडि़त किसानों से उनकी पीड़ा को जानने के बजाए वे अपनी पीड़ा ही बता रहे है. अब तक इस मामले में त्वरित कार्यवाही के बजाए किसानों को केवल आश्वासन ही मिल रहा है.
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा जनप्रतिनिधियों और नेताओं का आगमन लगातार मौके पर पहुंच रहे हैं और बकायदा किसानों से मिलकर उन्हें ढाढस दे रहे हैं. इसी क्रम में 14 अक्टूबर शुक्रवार को पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, दिनेश गांधी सहित अन्य नेतागण पीडि़त किसानों से मुलाकात कर चर्चा की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. उन्होंने किसानों से चर्चा के दौरान कहा कि सत्ता सरकार के जनप्रतिनिधि या उनके सक्रिय विधायक किसानों से क्यों मिलना नहीं चाहते. एनीकट नहीं खुलने की वजह से यह पूरा दुर्घटना हुआ है जिसके लिए जितने विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं, उतने ही विधायक भी जिम्मेदार हैं. चूंकि एनीकट की चाबी विभाग के पास नहीं थी, जिसकी वजह से एनीकट का गेट खोला नहीं गया और यह भी साफ हो गया है कि विधायक या उनके संबंधित चाबी को अपने कब्जे में रखे थे. यदि चाबी उनके पास नहीं था तो वे तुरंत संज्ञान में लेकर जिम्मेदार पर कार्यवाही करनी चाहिए. एक ओर विधायक अपने क्षेत्र का रोड बहने पर एक ही दिन में पेमेंट रूकवा देते हैं, तो वहीं किसानों पर टूटे इस दुख के पहाड़ पर दो माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं करना विधायक की नीयत को दर्शाता है. वहीं पूर्व सांसद श्री यादव ने वर्तमान सरकार पर कई सवाल उठाए हैं.

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