संसद भवन में जब सुकमा की सुश्री नंदनी यादव ने जय जोहार के अभिवादन से शुरूआत कर अंग्रेजी में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की 132वीं जयंती पर अपना सम्बोधन आरंभ किया तो देर तक अतिथियों की तालियां गूंजती रही। नंदनी ने विस्तार से धारा प्रवाह बाबा साहब के कृतित्व और व्यक्तित्व पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि किस विषम परिस्थिति में बाबा साहब ने अपनी शिक्षा ग्रहण की और देश सेवा के राह पर आगे बढ़े।
नंदनी ने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए देश भर से चयनित 26 प्रतिभागियों में अपनी जगह बनाई। संसद भवन नई दिल्ली में 14 अप्रैल को आयोजित कार्यक्रम में नंदनी कलगी के साथ रुपिया माला आदि पारंपरिक आभूषणों से सुसज्जित होकर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेशभूषा में संसद भवन के सेंट्रल हाल में कार्यक्रम में शामिल हुई। जिसकी प्रशंसा लोक सभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला सहित अन्य अतिथिगण एवं उच्च प्रशासनिक अधिकारियों ने की।
जिले के सक्षम कोचिंग से कर रही है, सिविल परीक्षा की तैयारी
नंदनी जिला प्रशासन द्वारा संचालित सक्षम कोचिंग की छात्रा हैं। वह प्रशासनिक सेवा से जुड़कर लोगों की सेवा करने की चाह रखती है। वर्तमान में एमए की छात्रा है। नंदनी ने बताया कि संसद भवन में आयोजित कार्यक्रम हेतु छत्तीसगढ़ राज्य से चयनित होने वाले एकमात्र प्रतिभागी थी।
सुकमा का बढ़ाया मान
राज्य के अंतिम छोर में स्थित सुकमा जिला संवेदनशील क्षेत्र के लिए जाना जाता है। ऐसे में बस्तर अंचल से बालिका का अपने राज्य का प्रनिनिधित्व करना, शासन-प्रशासन और समाज के लिए गर्व की बात है। संसद भवन में नंदिनी की उपस्थिति महिलाओं की समाज में हो रही प्रगति को दर्शाता है। नंदिनी ने बताया कि उसे इस बात का गर्व है की संसद भवन में उपस्थित समस्त मंत्रीगण ने उसके पारंपरिक पहनावे की प्रशंसा की। साथ ही अन्य प्रदेशों से आए प्रतिभागियों ने भी छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के बारे में जानने के प्रति उत्साहित थे।
उल्लेखनीय है कि बस्तर में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नीति से बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है और नंदनी जैसे अनेक छात्र-छात्राओं की प्रतिभा राष्ट्रीय स्तर पर सामने आ रही है।