जो व्यक्ति सवाल नहीं करता और समाधान नहीं खोजता वो समाज में पीछे रह जाता है। अगर नेहरू आधारभूत संरचनाएं निर्मित नहीं करते तो हम भी अपने पड़ोसी देशों की तरह पिछड़े होते, लेकिन आज हम दुनिया से आंख में आंख मिलाकर बात कर पा रहे हैं। ये बातें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर के डीडीयू ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय 18वें छत्तीसगढ़ यंग साइंटिस्ट कांग्रेस 2023 के शुभारंभ के मौके पर देशभर से आए युवा वैज्ञानिकों से कही।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बिना वैज्ञानिक सोच के इंसान आगे नहीं बढ़ सकता है, समय समय पर नई खोजों ने समाज को आज वर्तमान की इस स्थिति में पहुंचाया है। आज के इस दौर में हर व्यक्ति में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का होना बहुत जरूरी है। इस बारे में सबसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सोचा। आजादी के बाद उन्होंने भारत को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस करने की मुहिम शुरू की। पंडित नेहरू जी की सोच थी कि जनप्रतिनिधि और वैज्ञानिक यदि तालमेल के साथ काम करें तो देश की हर समस्या का आसानी से हल हो सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में जब टीवी की बात हुई तो लोग हंसते थे, फिर मोबाइल के बारे में भी ऐसा ही था। लेकिन आज वैज्ञानिक सोच की वजह से मोबाइल में ही लोग टीवी देख रहे हैं, पहले मौसम वैज्ञानिक से जानकारी लेनी पड़ती थी, आज मोबाइल में ही सब कुछ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने नेहरू जी की उसी सोच को आगे बढ़ाने का काम किया है। हमने नागरिकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण जगाने के लिए कदम उठाए हैं, साथ ही हर क्षेत्र में वैज्ञानिक नवाचारों को अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों में शामिल किया है।
आभार प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को कोटवार, नगर सैनिक और गौठान प्रबंधन समितियों के आभार प्रदर्शन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। यहां सीएम ने कहा कि ग्राम पटेल, कोटवार, होमगार्ड और गौठान प्रबंधन समिति के सम्मेलन कार्यक्रम में मैं आप सभी का स्वागत, अभिनन्दन करता हूं। सीएम ने कहा कि पिछले 4 दिनों से लगातार कार्यक्रम चल रहा है। 30 तारीख को लगभग 70,000 बेरोजगार साथियों को राशि प्रदान की गई। 1 मई को मजदूर दिवस के दिन मजदूरों को विभिन्न योजनाओं के तहत राशि का वितरण और बोरे बासी दिवस मनाया गया।