वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा है कि बरसात के मौसम में मौसमी एवं जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मलेरिया उन्मूलन के लिए मच्छरदानी वितरण, डीडीटी छिड़काव सुनिश्चित करें। श्री कश्यप आज सुकमा जिला मुख्यालय में राज्य शासन द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर बैठक में लोकसभा क्षेत्र बस्तर के सांसद श्री महेश कश्यप सहित जन प्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
वन मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए कॉम्बेट टीम की गठन करने और मौसमी बीमारियों के इलाज के लिए दवाईयों की उपलब्धता, आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्पदंश के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में मेडिसिन की व्यवस्था रखी जाए। किसानों से अधिक से अधिक खाद-बीज का उठाव कराने, पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ शत-प्रतिशत दिलाने, जिले के मृदा के उपयोगिता के हिसाब से आम ,केला जैसे पौधे लगाए जाने पर जोर देते हुए किसानों एवं ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने कहा।
श्री कश्यप ने नियद नेल्ला नार में चिन्हांकित गांव में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की और कहा कि इन गांवों में लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कोंटा ईलाके के डूबान क्षेत्र में बाढ़ को लेकर आवश्यक सतर्कता बरतने, विद्युत विहीन गांव में विद्युतीकरण शीघ्र करने और ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा प्रदाय करने के लिए मोबाइल एटीएम शुरु करने भी कहा। उन्होंने पशुओं को होने वाले लंपी स्किन जैसे बीमारी का टीकाकरण करने और पर्यावरण संरक्षण हेतु एक पेड़ मां के नाम अभियान में जन सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सहित सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलाने, वन अधिकार अधिनियम आदि योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई तथा आवश्यक निर्देश दिए गए।