शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को ज्ञान में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है किंतु उसकी जड़े भारत की संस्कृति एवं मूल्यों से बंधी हो। छत्तीसगढ़ की एस.सी.ई.आर.टी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में देश का अग्रणी राज्य है। उक्त बाते शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन आज रायपुर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए कही। यह कार्यशाला स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा अकादमिक सदस्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रति व्यापक समझ विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि आगामी एक वर्ष का कार्य महत्वपूर्ण होने वाला है। विगत छः माह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 30 प्रतिशत् कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष 70 प्रतिशत् कार्य भी प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ की पुस्तकों को स्थानीय स्तर के अनुकूल बनाना गया है, शिक्षक तभी अच्छे ढंग से पढ़ा पाएंगे जब वे स्वयं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षित होंगे। प्रशिक्षण में भी नवाचार को स्थान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य में शाला त्यागी बच्चों से संपर्क कर स्कूल तक वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। उद्घाटन सत्र में श्री जे.पी. रथ, अतिरिक्त संचालक, एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा अपने स्वागत भाषण में आगंतुक अतिथियों का परिचय दिया गया।
अतिथि वक्ता श्री महेन्द्र मिश्रा द्वारा बहुभाषावाद और भाषा की शक्ति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत के सभी बच्चों के लिए काम करना हर शिक्षाविद का धर्म होना चाहिए तथा भाषा माध्यम नहीं लक्ष्य होना चाहिए। संचालक एस.सी.ई.आर.टी. श्री राजेंद्र कुमार कटारा ने अतिथियों को एससीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबें भेंट की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पहला अधिकारिक उन्मुखीकरण कार्यक्रम है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री संजीव कुमार झा ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति में भारत को ग्लोबल स्किल हब बनाने की तैयारी है।
एस.सी.ई.आर.टी. के अकादमिक सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें श्री आलोक शर्मा द्वारा पाठ्यक्रम और शिक्षण शास्त्र के अंतर्गत राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया गया। श्री सुनील मिश्रा द्वारा प्रारंभिक बाल्यवास्था देखभाल एवं शिक्षा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सुश्री आई. संध्या रानी द्वारा विद्यार्थियों के विकास के लिए आकलन, श्री हेमंत कुमार साव द्वारा शिक्षक शिक्षा-शिक्षकों का सतत् व्यावसायिक विकास, डॉ. दीपा दास द्वारा व्यावसायिक शिक्षा, श्री संतोष कुमार तंबोली द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा, श्री प्रशांत पाण्डेय, राज्य साक्षरता मिशन द्वारा उल्लास (प्रौढ़ शिक्षा) पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम के अंत में श्री कटारा द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए शपथ ग्रहण कराया गया। कार्यशाला में प्रबंध संचालक पाठ्य पुस्तक निगम श्री कुलदीप शर्मा, एस.सी.ई.आर.टी. के समस्त अधिकारी एवं अकादमिक सदस्य, प्रदेश के सभी शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, बी.टी.आई. तथा डाईट के प्राचार्य उपस्थित थे।