दिल्ली में कोचिंग स्टूडेंट्स की मौत के बाद पटना में कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. इस क्रम में गैर निबंधित कोचिंग संस्थानों पर 25 हजार से 1 लाख तक का जुर्माना लगाने की तैयारी की जा रही है. पटना में जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कमेटी के साथ इसकी समीक्षा की है जिसमें पटना में कुल 138 कोचिंग संस्थान जांच में अयोग्य मिले हैं और 138 गैर निबंधित कोचिंग को बंद करने का निर्णय लिया गया है.
अनुमंडल पदाधिकारी को इन कोचिंग के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है. पटना डीएम ने 339 लंबित आवेदनों की जल्द जांच करने का भी आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार, पटना जिले में एक सप्ताह में निबंधन के लिए 936 आवेदन आए हैं और कुल 413 आवेदन पर निबंधन हो चुका है. इन सभी आवेदनों में 523 की जब जांच हुई तो 138 संस्थान अयोग्य पाए गए.
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जांच के दौरान पाया कि ये कोचिंग संस्थान सरकार के तय मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इसके बाद इन्हें बंद करने का आदेश जारी कर दिया. इसके साथ ही डीएम ने अफसरों को गैर निबंधित कोचिंग संस्थान खोलने पर 25 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना वसूलने का भी निर्देश दिया है.
आदेश के अनुसार इन तय मानकों से समझौता नहीं किया जाएगा. इसके तहत कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैध निबंधन प्रमाण-पत्र प्राप्त किए न तो स्थापित किया जाएगा और न चलाया जाएगा. किसी भी कोचिंग संस्था का क्षेत्रफल प्रति छात्र न्यूनतम 1 वर्ग मीटर होना जरूरी है. कोचिंग संस्थान में प्रवेश एवं निकास अवरोधमुक्त होना चाहिए और बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए.
इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों में में अग्नि सुरक्षा के मानकों का अनुपालन भी सुनिश्चित होना चाहिए. संस्थान ने तीसरी बार भी कोताही बरती, तो निबंधन रद्द हो जाएगा. डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को 339 लंबित आवेदनों की जांच जल्द पूरी करने और निबंधन समिति की बैठक बुलाने का टास्क दिया है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा कोचिंग की जांच करने के लिए 7 टीम बनाई गई है जिसमें छह अनुमंडल स्तरीय और एक जिलास्तरीय टीम शामिल है.