भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का शनिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रविवार दोपहर निगमबोध घाट पर होगा।
जेटली के निधन की खबर मिलने के साथ ही देश में शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने जेटली के निधन पर शोक जताया है। विदेश दौरे पर होने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जेटली के परिजनों से फोन कर दुख की इस घड़ी में उन्हें ढांढस बंधाया।
नौ अगस्त से एम्स में भर्ती अरुण जेटली ने आज दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली। निधन के बाद जेटली का पार्थिव शरीर यहां ग्रेटर कैलाश स्थित उनके आवास पर ले जाया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भाजपा अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने जेटली के आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान समेत विभिन्न दलों के तमाम नेताओं ने जेटली के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। जेटली के आवास पर श्रद्धांजलि देने वाले नेताओं, शुभचिंतकों, समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं का तांता लगा रहा।
रविवार सुबह 10 बजे भाजपा मुख्यालय में रखा जाएगा जेटली का पार्थिव शरीर, दो बजे होगा अंतिम संस्कार
जेटली का पार्थिव शरीर रविवार सुबह 10 बजे पंडित दीन दयाल मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय पर रखा जाएगा जहां लोग अपने नेता का अंतिम दर्शन कर सकेंगे। तत्पश्चात दोपहर दो बजे निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
परिजनों ने प्रधानमंत्री से दौरा बीच में छोड़कर न आने का किया आग्रह
पूर्व वित्तमंत्री के निधन की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात से फोन कर जेटली की पत्नी संगीता जेटली और उनके बच्चों से बात कर दुख की इस घड़ी में ढांढस बंधाया। जेटली के परिजनों ने मोदी से आग्रह किया कि वह अपना दौरा बीच में छोड़कर न आएं। हालांकि, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ और गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद का दौरा बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौट आए।
जेटली के निधन से खो दिया एक मूल्यवान मित्रः मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने अरुण जेटली जी के निधन से अपना एक मूल्यवान मित्र खो दिया है। उनके साथ मेरी दशकों की मित्रता और पहचान मेरे लिए सम्मान की बात है। मुद्दों पर उनकी समझ और मामलों की बारीक समझ रखने वाले वह सुलझे हुए इंसान थे। हम सभी को असंख्य सुखद यादों के साथ छोड़कर आज वह चले गए, सदा उनकी याद आएगी।’
जेटली का निधन मेरी निजी क्षतिः अमित शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे अपनी निजी क्षति बताया। शाह ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है, जिनका साथ और मार्गदर्शन उन्हें वर्षो तक प्राप्त होता रहा।
संघ ने जताया शोक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश (भैय्याजी) जोशी ने पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
भागवत और जोशी की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया कि युवा आयु से ही जेटली का सामाजिक, राजनैतिक जीवन शुरू हुआ। आज देश में कई क्षेत्रों में विकास पथ पर चल रहा है, ऐसी घड़ी में उनका योगदान आवश्यक भी था औऱ महत्वपूर्ण भी।
उत्कृष्ट सांसद व महान प्रशासक थे जेटलीः आडवाणी
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपने एक और करीबी और सहयोगी अरुण जेटली के निधन पर गहरा दुख हुआ। उन्होंने कहा कि वकालत के क्षेत्र में एक बड़ा चमकदार चेहरा होने के साथ ही अरुण जेटली एक उत्कृष्ट सांसद और एक महान प्रशासक थे । आडवाणी ने जेटली के निधन को निजी क्षति बताया।
उल्लेखनीय है कि जेटली को सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद 9 अगस्त को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था । इसी साल 14 मई को एम्स में जेटली के गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था । उसके बाद इलाज के लिए वह अमेरिका भी गए थे। पिछले कुछ महीनों से उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही थी । 2019 के आम चुनाव में खराब तबीयत का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। उन्होंने सरकार गठन के वक्त भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उनको मंत्रिमंडल का हिस्सा न बनाया जाए। उन्होंने राज्यसभा में नेता सदन का पद भी त्याग दिया था । मौजूदा समय में जेटली राज्यसभा के सदस्य थे। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्रिमंडल का महत्वपूर्ण चेहरा थे। उन्होंने केंद्र सरकार में वित्त एवं रक्षा जैसे अहम मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।
जेटली के निधन से भाजपा को गहरा झटका लगा है। इसी महीने छह अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के शोक से पार्टी अभी उबर भी नहीं पाई थी कि जेटली के निधन के रूप में एक और झटका लगा है।