रूस के कजान में चल रहे 16वें ब्रिक्स सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति डॉ मसूद पेजेशकियन की मुलाकात काफी अहम रही. इजरायल से युद्ध के बीच पीएम मोदी ईरानी राष्ट्रपति से मुलाकात के समय पूरी तरह डिप्लोमैटिक अंदाज में दिखे. उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत बनाने की बात करने के साथ ही इजरायल-हमास की लड़ाई से नागरिकों को रहे नुकसान पर भी चिंता जताई. पीएम मोदी ने भारत के लिए दो सबसे अहम मुद्दों पर खासतौर से बात की. ईरान के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की यह मुलाकात निश्चित रूप से पाकिस्तान को चुभेगी, जिसे भारत आने वाले समय में दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंकेगा.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि पीएम मोदी और ईरानी राष्ट्रपति के बीच आखिर मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पश्चिमी एशिया में चल रहे तनाव को खत्म करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत की. सबसे पहले उन्होंने डॉ मसूद को ईरान का राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी और ईरान के ब्रिक्स में शामिल होने का स्वागत किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने पर भी चर्चा की.
दो मुद्दों पर ज्यादा जोर
विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात के समय दो मुद्दों पर सबसे ज्यादा जोर दिया, जो भारत के लिहाज से काफी अहम हैं. उन्होंने चाबहार पोर्ट के निर्माण में तेजी लाने और अंतरराष्ट्रीय साउथ कॉरिडोर विकसित करने पर जोर दिया. भारत और ईरान करीब 10 साल से चाबहार पोर्ट के निर्माण पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के दोबारा विकास पर भी जोर दिया. साथ ही सेंट्रल एशिया के साथ आर्थिक गठजोड़ बनाने को लेकर भी बातचीत की.
रूस के कजान में चल रहे 16वें ब्रिक्स सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति डॉ मसूद पेजेशकियन की मुलाकात काफी अहम रही. इजरायल से युद्ध के बीच पीएम मोदी ईरानी राष्ट्रपति से मुलाकात के समय पूरी तरह डिप्लोमैटिक अंदाज में दिखे. उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत बनाने की बात करने के साथ ही इजरायल-हमास की लड़ाई से नागरिकों को रहे नुकसान पर भी चिंता जताई. पीएम मोदी ने भारत के लिए दो सबसे अहम मुद्दों पर खासतौर से बात की. ईरान के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की यह मुलाकात निश्चित रूप से पाकिस्तान को चुभेगी, जिसे भारत आने वाले समय में दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंकेगा.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि पीएम मोदी और ईरानी राष्ट्रपति के बीच आखिर मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पश्चिमी एशिया में चल रहे तनाव को खत्म करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत की. सबसे पहले उन्होंने डॉ मसूद को ईरान का राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी और ईरान के ब्रिक्स में शामिल होने का स्वागत किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने पर भी चर्चा की.
दो मुद्दों पर ज्यादा जोर
विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात के समय दो मुद्दों पर सबसे ज्यादा जोर दिया, जो भारत के लिहाज से काफी अहम हैं. उन्होंने चाबहार पोर्ट के निर्माण में तेजी लाने और अंतरराष्ट्रीय साउथ कॉरिडोर विकसित करने पर जोर दिया. भारत और ईरान करीब 10 साल से चाबहार पोर्ट के निर्माण पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के दोबारा विकास पर भी जोर दिया. साथ ही सेंट्रल एशिया के साथ आर्थिक गठजोड़ बनाने को लेकर भी बातचीत की.