पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक ( PMC ) घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) ने आर्थिक अपराध शाखा ( EOW ) की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को मुंबई और उसके निकटवर्ती इलाकों में छह स्थानों पर छापे मारे। साथ ही धनशोधन का एक मामला भी दर्ज किया। सबूत इकट्ठे करने के लिए छापे मारे गए। इससे पहले पुलिस ने पीएमसी बैंक घोटाले के आरोप में हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के दो निदेशकों को गिरफ्तार किया था। कंपनी की 3500 करोड़ की संपत्ति भी जब्त कर ली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि आरोपियों से गहन पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई। कंपनी की 3500 करोड़ की संपत्ति भी जब्त कर ली गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि आरोपियों से गहन पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई।
सोमवार को दर्ज की थी एफआईआर
ईओडब्ल्यू ने 4355.43 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में सोमवार को एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर रखा है।
दोनों निदेशकों को एजेंसी ने पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं देने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस घोटाले से संबंधित और सूचना जुटा रही है और पिता-पुत्र से पूछताछ जारी है। इस घोटाले में जो भी लिप्त हैं, उन सभी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
पीएमसी ग्राहकों को राहत
तीन अक्तूबर को आरबीआई ने पीएमसी के ग्राहकों को राहत भी दी थी। आरबीआई ने ग्राहकों के लिए नकद निकासी की सीमा बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी है। इससे पहले आरबीआई ने ग्राहकों को निकासी की सीमा एक हजार रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की थी।
पहले ग्राहकों को छह महीने में सिर्फ एक हजार रुपये ही निकालने की अनुमति दी गई थी। पिछले हफ्ते आरबीआई ने बैंक पर छह महीनों का प्रतिबंध लगाने की जानकारी दी थी। आरबीआई के इस कदम से लाखों ग्राहकों को राहत मिलेगी।